केरल : विहिप के 'घरवापसी' के तहत 35 दलित ईसाई हिंदू बने
विश्व हिंदू परिषद के 'घरवापसी' कार्यक्रम के तहत 35 लोगों ने हिंदू धर्म में वापसी की है । विहिप के मुताबिक इस दलित समूह के पूर्वजों ने ईसाई धर्म को अपनाया था। धर्मांतरण से जुड़़े अपने 'घरवापसी' कार्यक्रम को लेकर विहिप की चौतरफा आलोचना हो रही है।
कोट्टायम । विश्व हिंदू परिषद के 'घरवापसी' कार्यक्रम के तहत 35 लोगों ने हिंदू धर्म में वापसी की है । विहिप के मुताबिक इस दलित समूह के पूर्वजों ने ईसाई धर्म को अपनाया था। धर्मांतरण से जुड़़े अपने 'घरवापसी' कार्यक्रम को लेकर विहिप की चौतरफा आलोचना हो रही है।
हिंदू धर्म में वापसी की प्रक्रिया को उझावूर नाम के मंदिर में पूरा कराया गया। वीएचपी के प्रवक्ता और 'केरला हिंदू हेल्प' लाइन से जड़े अनीश बालाकृष्णन ने बताया कि ये सभी 12 परिवार 'चेरामर' समुदाय के हैं।इन परिवारों के सदस्यों को कई पीढ़ियों पहले ईसाई धर्म अपनाने के लिए बाध्य किया गया था। बालाकृष्णन ने बताया कि घरवापसी कार्यक्रम के तहत अकेले कोट्टायम जिले में पिछले तीन महीने में 120 लोगों की हिंदू धर्म में पुनर्वापसी हुई है। विहिप ने अपना धर्मांतरण कार्यक्रम अल्प्पुझा और इदुक्की जिले में भी आयोजित किया था।
विहिप नेता ने जानकारी देते हुए कहा कि हम अन्य हिंदू संगठनों के साथ मिलकर केरल के हर हिस्से में घरवापसी कार्यक्रम को आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम प्रत्येक रविवार को आयोजित किया जाता है। केरल में चल रहे इस आयोजन को लेकर बीते वर्ष दिसंबर में विपक्ष ने सरकार पर हमला करते हुए इस मु्द्दे को संसद में भी उठाया था। हालांकि केंद्र सरकार ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा था कि भाजपा से इसका कोई लेना देना नहीं है। सरकार ने कहा कि ये मसला राज्य सरकार का है और ये उसका अधिकार क्षेत्र है।
राज्य के मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने कहा कि इस आयोजन का राज्य सरकार से कोई लेना देना नहीं है । उन्होंने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है किसी का जबरन धर्म परिवर्तन नहीं किया गया और ऐसा होगा भी नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई स्वेच्छा से कोई धर्म अपनाता है तो इसमे सरकार कुछ नहीं कर सकती है।
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