भाजपा ने संभाला धर्मांतरण और घरवापसी के धर्मयुद्ध का मोर्चा
धर्मांतरण और घर वापसी के धर्मयुद्ध में अब भाजपा ने मोर्चा संभाल लिया है। मिशनरियों के मंसूबे फेल करने को आज भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने उन परिवारों का 'ब्रेनवॉश ' किया, जिनकी महिलाएं चर्च जाने लगी हैं। रहनकलां की पंचायत में ग्रामीणों से 'हम हिंदू हैं,
लखनऊ। धर्मांतरण और घर वापसी के धर्मयुद्ध में अब भाजपा ने मोर्चा संभाल लिया है। मिशनरियों के मंसूबे फेल करने को आज भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने उन परिवारों का 'ब्रेनवॉश ' किया, जिनकी महिलाएं चर्च जाने लगी हैं। रहनकलां की पंचायत में ग्रामीणों से 'हम हिंदू हैं, हिंदू ही रहेंगे ' जैसी बातें सुनकर उत्साहित हिंदूवादियों ने आसपास के गांवों में रहने वालों को भी धर्मांतरण से आगाह किया।
आगरा के एत्माद्पुर क्षेत्र के गांव गढ़ी संपत और रहनकलां में कई परिवारों द्वारा ईसाई धर्म अपनाने का मामला सामने आया था। बताया गया कि मिशनरीज की चंगाई सभाओं में कष्ट दूर करने की बात कह ग्रामीण महिलाओं को धर्मांतरण के लिए आकर्षित किया गया। कई महिलाएं हर सभा में भी जानें लगीं। इस मामले में हंगामा मचने के बाद भाजपा और विश्व हिंदू परिषद धर्मांतरण करने वालों की घर वापसी और भविष्य में ऐसी गतिविधि रोकने को सक्रिय हो गए हैं।
आज विहिप कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा प्रदेश मंत्री रामप्रताप सिंह चौहान इन गांवों में पहुंचे। रहनकलां गांव में ग्रामीणों संग पंचायत कर समझाया कि कोई भी लालच या धोखे से धर्मांतरण का प्रयास कर सकता है। इसमें आपका नुकसान है। सोचें कि यदि धर्म बदल दिया तो बच्चों के विवाह आदि में भी परेशानी होगी। वहीं, निषाद समाज को भगवान राम का वास्ता दिया गया।
चर्च जाने वाली महिलाएं तो पंचायत में मौजूद नहीं थीं, लेकिन उन परिवारों के पुरुषों ने आश्वस्त किया कि हम हिंदू हैं और हिंदू ही रहेंगे। महिलाएं धोखे में आ गई थीं, वह अब चर्च नहीं जाएंगी। पार्टी नेताओं ने गढ़ी संपत में भी प्रभावित परिवारों से संपर्क कर समझाया। इसके बाद कई नेताओं ने छलेसर, चौगान, कुबेरपुर सहित नौ गांवों का दौरा किया। इन गांवों में अभी तक धर्मांतरण के मामले तो सामने नहीं आए हैं, लेकिन यहां घर-घर जाकर समझाया कि बहकावे में मत आना।
अब नहीं बांटने देंगे साहित्य
पंचायत में भाजपा नेताओं ने भोले ग्रामीणों और महिलाओं को धर्मांतरण से बचाने की जिम्मेदारी बुजुर्गों को सौंपी। बुजुर्गों ने वादा किया कि अब कोई गैर धर्म का साहित्य बांटने आएगा, तो उसे दौड़ाकर भगाएंगे।
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