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केदारघाटी में तीर्थयात्रियों की मौत पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य से मांगी रिपोर्ट

पिछले साल केदारनाथ में हुए जल प्रलय के शिकार तीर्थयात्रियों के शवों का अंतिम संस्कार सही तरीके से नहीं किए जाने के मामले में हाई कोर्ट ने शासन से ब्योरा तलब किया है। इस मामले में दस जुलाई को सुनवाई होगी।

By Edited By: Published: Fri, 20 Jun 2014 01:34 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jun 2014 03:06 PM (IST)

नैनीताल (जागरण संवाददाता)। पिछले साल केदारनाथ में हुए जल प्रलय के शिकार तीर्थयात्रियों के शवों का अंतिम संस्कार सही तरीके से नहीं किए जाने के मामले में हाई कोर्ट ने शासन से ब्योरा तलब किया है। इस मामले में दस जुलाई को सुनवाई होगी। दिल्ली निवासी अजय गौतम ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए केदारनाथ समेत चारधाम यात्रा सरकार कराती है, लेकिन पिछले साल 16-17 जून को आई भीषण तबाही के बाद आपदा प्रबंधन में बरती गई लापरवाही से हजारों लोगों की जान गई।

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केदारनाथ क्षेत्र में अब भी नर कंकाल मिल रहे हैं। याची का कहना है कि मृत तीर्थयात्रियों के शवों का सही तरीके से अंतिम संस्कार नहीं किया जा रहा है। जिससे इलाके का वातावरण प्रदूषित हो रहा है। साथ ही परिजन अंतिम क्रिया कर्म के फर्ज से भी वंचित हो रहे हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी.के.बिष्ट व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से केदारनाथ में मृत तीर्थयात्रियों के कितने शव मिले, कितनों का अंतिम संस्कार हुआ और शेष शवों को निकालने के लिए क्या प्रयास किए गए। इस सबका पूरा विवरण वीडियोग्राफी समेत तलब किया है। इस मामले में सुनवाई 10 जुलाई को होगी।

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