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मोदी सरकार में हो सकती है कश्मीरी पंडितों की घर वापसी

नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान दशकों से विस्थापित कश्मीरी पंडितों की घर वापसी गृह मंत्रालय के एजेंडे में सबसे ऊपर है। मोदी से गृह सचिव अनिल गोस्वामी की मुलाकात के बाद तैयार नई सरकार के लिए प्राथमिकता सूची में कश्मीरी पंडितों के साथ-साथ बांग्लादेशी घुसपैठियों के अलावा केंद्र राज्य संबंधों को प्रगाढ़ बनाने को अहम स्

By Edited By: Published: Thu, 22 May 2014 09:28 AM (IST)Updated: Thu, 22 May 2014 09:29 AM (IST)
मोदी सरकार में हो सकती है कश्मीरी पंडितों की घर वापसी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान दशकों से विस्थापित कश्मीरी पंडितों की घर वापसी गृह मंत्रालय के एजेंडे में सबसे ऊपर है। मोदी से गृह सचिव अनिल गोस्वामी की मुलाकात के बाद तैयार नई सरकार के लिए प्राथमिकता सूची में कश्मीरी पंडितों के साथ-साथ बांग्लादेशी घुसपैठियों के अलावा केंद्र राज्य संबंधों को प्रगाढ़ बनाने को अहम स्थान दिया गया है। साथ ही गृह मंत्रालय मौजूदा खुफिया ढांचे में आमूल-चूल बदलाव चाहता है। मंत्रालय ने प्राथमिकताओं की सूची कैबिनेट सचिवालय को सौंप दी है, लेकिन इसमें राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र [एनसीटीसी] का जिक्र नहीं है।

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गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की पुनर्वापसी की बातें तो लंबे अरसे से की जाती रही हैं, लेकिन इसके लिए अभी तक ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। अधिकारियों को उम्मीद है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस दिशा में अहम फैसले लिए जा सकते हैं। इसी कारण प्राथमिकता सूची में इसे सबसे ऊपर रखा गया है। सूची में दूसरे स्थान पर केंद्र-राज्य संबंधों की मजबूती को दिया गया है। इसके लिए केंद्र-राज्य से जुड़ी संस्थाओं को मजबूत करना है। चुनाव के दौरान आंतरिक सुरक्षा पर नरेंद्र मोदी के वादे को देखते हुए गृह मंत्रालय पूरे खुफिया तंत्र में आमूलचूल बदलाव चाहता है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मौजूदा खुफिया ढांचे में विभिन्न एजेंसियों की आपसी प्रतिस्पद्र्धा के कारण आतंकियों के खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं हो पाती है। ऐसे कई मामले हैं, जिसमें किसी एक एजेंसी की कार्रवाई के कारण दूसरी एजेंसी की पूरी तैयारी ध्वस्त हो गई है। छोटे-मोटे बदलावों से इसमें सुधार आने की गुंजाइश नहीं है। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने, उल्फा व एनएससीएन से बातचीत को अंतिम अंजाम तक पहुंचाने, बांग्लादेशी घुसपैठ पर लगाम जैसे मुद्दे भी प्राथमिकता सूची में शामिल हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय के अहम मुद्दों की सूची को कैबिनेट सचिवालय को सौंप दिया गया है जिसे प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी के सामने पेश किया जाएगा।

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