मोदी के शपथ ग्रहण से पहले पावेल की विदाई
भारत के नए प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी की शपथ की तैयारियों के बीच अमेरिकी राजदूत नैंसी पावेल ने विदा ले ली। जिम्मेदारियों से मुक्त होने का पहल ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत के नए प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी की शपथ की तैयारियों के बीच अमेरिकी राजदूत नैंसी पावेल ने विदा ले ली। जिम्मेदारियों से मुक्त होने का पहले ही एलान कर चुकीं पावेल 22 मई की सुबह वतन लौट रही हैं। उनकी जगह कैथलीन स्टीफंस को कार्यवाहक राजदूत बनाया गया है, जो अगले माह जिम्मेदारी संभालेंगी। ऐसे में संभव है कि मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में वक्ती तौर पर अमेरिकी दूतावास में जिम्मेदारी संभालने वाला कोई राजनयिक ही नुमाइंदगी करे।
भारत में नए निजाम के साथ दोस्ती के नए पुल बनाने की कोशिश में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और विदेश मंत्री जॉन कैरी मोदी को बधाई देते हुए अमेरिका आमंत्रित कर चुके हैं। हालांकि, मोदी का जवाब अभी द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती के लिए मिलकर काम करने के संकल्प तक ही सीमित है। बराक की ओर से चुनावी कामयाबी पर नरेंद्र मोदी को दिए बधाई संदेश और यात्रा आमंत्रण के बाद विदेश मंत्री जॉन कैरी ने विस्तृत बयान जारी कर दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत बनाने के संकल्प पर जोर दिया। उनके मुताबिक दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच रणनीतिक साझेदारी बेहद अहम है। लोकतंत्र के साझा मूल्यों और हितों के आधार पर अमेरिका इस साझेदारी को मजबूत बनाना चाहता है। संबंध सुधार की कवायद में ओबामा प्रशासन नई दिल्ली के लिए अपना नया राजदूत भी खोजने में लगा है। विदेश विभाग प्रवक्ता जेन सैकी के मुताबिक अभी तक किसी का नाम तय नहीं हुआ है। इसलिए कैथलीन को अगली नियुक्ति तक यह जिम्मेदारी दी गई है। वह जून की शुरुआत में भारत पहुंचेंगी। अमेरिकी प्रयासों पर कूटनीतिक संतुलन साधते हुए मोदी ने ओबामा और कैरी की ओर से आए संदेशों पर अपना जवाब द्विपक्षीय रिश्तों की मजबूती के सहयोग तक सीमित रखा है। सोशल नेटवर्किग साइट ट्विटर पर कैरी को लिखे जवाबी संदेश में मोदी ने शुभकामना के लिए धन्यवाद जताने के साथ ही कहा, 'आने वाले वर्षो में वे मिलकर दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत बनाएंगे।'

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