बिना कुछ बोले भी बहुत कुछ बोल गई शहीद की बेटी
भावनाएं शब्दों की मोहताज नहीं होती। 19 साल की गुरमेहर इस वीडियो में कुछ ना कहकर भी बहुत कुछ कहने की कोशिश कर रही हैं।
नई दिल्ली । भावनाएं शब्दों की मोहताज नहीं होती। 19 साल की गुरमेहर इस वीडियो में कुछ ना कहकर भी बहुत कुछ कहने की कोशिश कर रही हैं। शायद इस खामोशी को अगर शब्दों में पिरोया गया होता तो ये उतनी असरदार नहीं होती। यू-ट्यूब पर वॉइस ऑफ राम द्वारा अपलोड किए गए चार मिनट के इस वीडियो में भारत और पाकिस्तान के सियासतदानों को ये समझाने की कोशिश की गई है कि शांति की अपेक्षा करना और शांति के लिए कदम उठाना, दोनों अलग अलग बातें है।
जल्द नजर आएगी कारगिल युद्ध की गाथा
दरअसल गुरमेहर कौर के पिता कारगिल की लड़ाई में शहीद हुए थे और उस वक्त वो सिर्फ 2 साल की थी। इस वीडियो में 30 पोस्टरों के ज़रिए ये समझाने की कोशिश की गई है कि 'हम तीसरी दुनिया के स्तर के नेतृत्व के साथ विकसित देश बनने का सपना नहीं देख सकते।
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