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    कश्मीर मेें रायशुमारी पर ज्योतिरादित्य ने दी सफाई- कहा, बयान को गलत समझा गया

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Fri, 22 Jul 2016 06:47 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में रायशुमारी के बयान पर कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया गया।

    नई दिल्ली । कश्मीर मुद्दे पर कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा 'रायशुमारी' कराने की मांग पर उठे विवाद के बाद उन्होंने अपनी सफाई दी है। कहा कि उनका मतलब कश्मीर के लोगों से संवाद और बातचीत करने को लेकर था। उन्होंने इस मुद्दे पर गुरुवार को लोकसभा में फिर से पार्टी और अपना रुख साफ किया। साथ ही लोकसभा अध्यक्ष से 'रायशुमारी' शब्द को रिकॉर्ड से हटाने की मांग की। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसे रिकॉर्ड से हटाने के निर्देश दिए।

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    सिंधिया ने कहा कि उनकी पार्टी और वह कश्मीर समस्या के हल के लिए वहां के लोगों से संवाद और बातचीत के पक्षधर हैं। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने संसद भवन परिसर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में भी सिंधिया द्वारा दिए गए वक्तव्य पर सफाई दिए जाने पर खुशी जताई। कहा कि वह दूसरे मुद्दों पर भी विपक्ष से ऐसी ही उम्मीद रखते हैं।

    चार जिलों में कर्फ्यू हटा

    राज्य प्रशासन ने वीरवार को कश्मीर घाटी के चार जिलों गांदरबल, बांडीपोर, बारामुला और बडग़ाम से कफ्र्यू हटाते हुए शिक्षण संस्थानों को भी खोल दिया, लेकिन ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर समेत वादी के अन्य छह जिलों में कफ्र्यू और प्रशासनिक पाबंदियां जारी रहीं। विभिन्न इलाकों में सुरक्षाबलों व प्रदर्शनकारियों के बीच हुई ङ्क्षहसक झड़पों में तीन लोग घायल हो गए। अलबत्ता, बीते 13 दिनों में वीरवार का दिन कश्मीर में सबसे शांत रहा।

    जनजीवन पर मिला जुला असर

    इस बीच, बंद और हड़ताल के चलते सामान्य जनजीवन ठप रहा। मोबाइल इंटरनेट सेवा, प्रीपेड मोबाइल, बनिहाल-बारामुला रेल और सामान्य वाहन सेवाएं पूरी तरह बंद रही। कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज मौलवी उमर फारूक समेत सभी अलगाववादी नेता अपने घरों में नजरबंद रहे। हालांकि प्रशासन ने हालात का संज्ञान लेते हुए चार जिलों से कफ्र्यू हटा लिया, लेकिन धारा 144 के तहत एहतियातन निषेधाज्ञा जारी रही। स्कूल भी इन जिलों में खोले गए, लेकिन छात्र नहीं आए और अध्यापकों को जल्द ही घर लौटना पड़ा। शिक्षामंत्री नईम अख्तर के पैतृक कस्बे गरुरा में भी सरकारी स्कूल बदं रहे। अलबत्ता, इन चारों जिलों में बंद का व्यापक असर रहा। श्रीनगर, कुलगाम, अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुपवाड़ा में किसी तरह की कफ्र्यू में ढील नहीं दी गई थी। अलबत्ता, अलगाववादियों ने अपने बंद में दोपहर दो बजे बाद राहत का एलान किया था। इस राहत का असर कुछेक इलाकों में ही नजर आया। हालांकि आज भी सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिकबलों को भारी संख्या में तैनात किया गया था। श्रीनगर के छन्नपोरा व उसके साथ सटे इलाकों में कफ्र्यू को सख्ती से लागू किया।


    डाउन-टाउन में उस समय तनाव फैल गया, जब भारत विरोधी प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाबलों ने मोटरसाइकिल पर एक संदिग्ध को रुकने का इशारा किया, लेकिन वह नहीं रुका तो उन्होंने गोली चलाकर बाइक का टायर पंक्चर कर दिया। मोटरसाइकिल सवार नीचे गिर पड़ा और उसे मामूली चोट पहुंची। इस घटना के बाद वहां ङ्क्षहसा भड़क उठी। इसके अलावा श्रीनगर के कणनगर इलाके में भी छिटपुट ङ्क्षहसा हुई। उत्तरी कश्मीर के सोपोर के नौपुरा, गुरेज में भी जुलूस निकले। दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड और खन्नबल में भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच छिटपुट हिंसक झड़पें हुई। इसमें दो लोग घायल हो गए।