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    'न्यायपालिका का दखल बढ़ने से प्रभावित हो रहा है सरकार का कामकाज'

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 12 May 2016 08:27 AM (IST)

    वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार के सभी कार्यो में न्यायालय का दखल बढ़ गया है जिससे कामकाज प्रभावित हुआ है।

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    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । वित्त मंत्री अरुण जेटली ने न्यायपालिका पर सरकारी कामकाज में दखलअंदाजी करने का आरोप लगाया है। जेटली ने न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाते हुए बुधवार को राज्यसभा में कहा कि अदालत के हस्तक्षेप से सरकार को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी कार्यो में न्यायालय का दखल बढ़ गया है जिससे कामकाज प्रभावित हुआ है।

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    वित्त विधेयक 2016 पर चर्चा का जवाब देते हुए जेटली ने राज्य सभा में कहा कि राजनीतिक समस्याओं का समाधान न्यायपालिका को नहीं करना चाहिए। राजनीतिक समस्याओं का निराकरण राजनीतिक तरीके से ही होना चाहिए।

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    जेटली ने कहा कि न्यायपालिका ने कार्यपालिका और विधायिका के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण किया है। वित्तमंत्री ने कहा कि ऐसे में अब सरकार के पास बजट बनाना और टैक्स लेने का काम ही रह गया है। न्यायपालिका को यह काम भी ले लेना चाहिए।

    अर्थव्यवस्था की स्थिति की चर्चा करते हुए जेटली ने कहा कि राजग सरकार के आर्थिक सुधारों के परिणाम नजर आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि विश्र्व में मंदी के बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर में गिरावट नहीं आई, यह सरकार की सही रणनीति का ही परिणाम है।

    उन्होंने जीडीपी के आंकड़ों में हेराफेरी के संबंध में विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये आंकड़े निष्पक्ष और स्वतंत्र संस्था तैयार कर रही है।

    जेटली ने बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी पर आम राय बनने की उम्मीद भी जताई। जेटली ने कहा कि जीएसटी देश के विकास के बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि राजनीति की वजह से इसे अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। उन्होंने विपक्षी पार्टी कांग्रेस से आग्रह किया कि वह जीएसटी के मुद्दे पर पुनर्विचार करे और अपना विरोध छोड़कर इसका समर्थन करे। जेटली ने कहा कि जीएसटी की दरें संविधान संशोधन विधेयक में तय नहीं की जा सकतीं । उन्होंने उम्मीद जताई है कि जीएसटी को राज्यसभा में पारित कराने के लिए विपक्ष का सहयोग मिल जाएगा। जेटली ने कहा कि यह विधेयक जनता के हित में है और इससे देश एक सूत्र में जुड़ जाएगा।

    वित्त मंत्री के जवाब के बाद राज्य सभा ने ध्वनिमत से वित्त विधेयक 2016 को मंजूरी देकर लोक सभा को वापस भेज दिया।

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