बिहार के नए मांझी बने जीतन राम, भाजपा का दावा निकला झूठा
जदयू के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री जीतन राम मांझी बिहार के नए मुख्यमंत्री होंगे। नीतीश कुमार ने सोमवार की देर शाम उनके नाम की घोषणा की। जदयू विधायक दल ने इस काम के लिए नीतीश को दोपहर में अधिकृत किया था। शरद यादव, नीतीश कुमार और वशिष्ठ नारायण सिंह के साथ जीतन राम मांझी ने राज्यपाल डॉ. डीवाई पाटिल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल को 119 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा गया है। नीतीश ने कहा, इस प्रकरण में भाजपा की पोल खुल गई।
पटना, जागरण ब्यूरो। जदयू के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री जीतन राम मांझी बिहार के नए मुख्यमंत्री होंगे। नीतीश कुमार ने सोमवार की देर शाम उनके नाम की घोषणा की। जदयू विधायक दल ने इस काम के लिए नीतीश को दोपहर में अधिकृत किया था। शरद यादव, नीतीश कुमार और वशिष्ठ नारायण सिंह के साथ जीतन राम मांझी ने राज्यपाल डॉ. डीवाई पाटिल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल को 119 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा गया है। नीतीश ने कहा, इस प्रकरण में भाजपा की पोल खुल गई। हमने उन्हें सरकार बनाने के लिए 48 घंटे की मोहलत दी। वे तो दावा कर रहे थे कि जदयू के 50 विधायक उनके साथ हैं। वे सभी टूटकर उनके साथ हो जाएंगे। इन सबका का क्या हुआ?
देर शाम राजभवन से निकलने के बाद नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी का नाम सार्वजनिक किया। जीतन राम महादलित वर्ग के हैं। वह मंगलवार शाम पांच बजे पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। नीतीश ने कहा-'हमने जीतन राम मांझी को विधायक दल का नेता चुना है। उनमें काबिलियत है। वे मंत्री रह चुके हैं। हमने राज्यपाल को 119 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है। इसमें दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी शामिल है। फिलहाल विधानसभा में 239 सदस्य हैं।'
इससे पहले जदयू विधायक दल की दोबारा हुई बैठक में नए नेता के चुनाव के लिए नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया। दोपहर दो बजे शुरू हुई विधानमंडल दल की बैठक कुछ ही देर चली। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने विधानमंडल दल का नेता चुनने के लिए नीतीश कुमार को अधिकृत किए जाने संबंधी प्रस्ताव पेश किया। नरेंद्र सिंह ने तुरंत इसका समर्थन कर दिया। नरेंद्र सिंह ने रविवार को हुई विधानमंडल दल की बैठक में कहा था कि नीतीश कुमार के अलावा नेता के रूप में उन्हें कोई मंजूर नहीं है। नरेंद्र सिंह के समर्थन के बाद प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री आवास में ही प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने संवाददाता सम्मेलन कर बताया कि पार्टी की कमान नीतीश कुमार के हाथों रहेगी। भले ही वह मुख्यमंत्री नहीं रहें। उन्हें विधानमंडल दल का नेता चुनने के लिए अधिकृत किया गया है। कुछ ही घंटों में वे फैसला ले लेंगे। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है। यह असाधारण निर्णय है। राजनीति में उन्होंने एक आदर्श प्रस्तुत किया है।
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