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बिहार में किनारे आ रही जीतन राम मांझी की सियासी नैया

बिहार की राजनीति में हिचकोले खा रही मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की सियासी नैया किनारे लगती दिख रही है। चुनाव से पहले प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के विरोध-समर्थन के इस दांव-पेच में मांझी का वजूद भारी पड़ा और उन्हें हटाने की मुहिम में जुटे लोगों का स्वर धीरे-धीरे शांत पड़ने

By manoj yadavEdited By: Published: Sat, 10 Jan 2015 07:17 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jan 2015 07:28 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, पटना। बिहार की राजनीति में हिचकोले खा रही मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की सियासी नैया किनारे लगती दिख रही है। चुनाव से पहले प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के विरोध-समर्थन के इस दांव-पेच में मांझी का वजूद भारी पड़ा और उन्हें हटाने की मुहिम में जुटे लोगों का स्वर धीरे-धीरे शांत पड़ने लगा है। कई मंत्रियों व जदयू-राजद के शीर्ष नेतृत्व की मंशा देख मांझी का ये विरोधी खेमा अब सरेंडर की मुद्रा में आ गया है।

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दरअसल, मांझी के सत्ता की बागडोर चार तरफ से कसी जा रही है। इसमें जदयू व राजद के अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कैबिनेट के एक ताकतवर मंत्री शामिल हैं। दोनों अध्यक्ष (शरद यादव, लालू प्रसाद) मांझी के साथ किसी छेड़छाड़ के पक्ष में नहीं हैं। दोनों को खुश करने में मांझी भी कोई कोताही नहीं बरतते हैं। शरद के आगमन पर उनसे सलाह-मशविरा लेना और लालू प्रसाद के आने पर उनके घर जाकर हालचाल लेने के पीछे मांझी की मंशा स्पष्ट समझी जा सकती है।

पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मांझी के प्रति कोई कड़ा रुख अपनाकर अपने ही फैसले पर सवाल नहीं खड़ा करना चाहते। दूसरी ओर, उन्हें हटाने के अभियान का सूत्रधार माने जाने वाले ताकतवर मंत्री का राजद सुप्रीमो से छत्तीस का आंकड़ा है। लिहाजा मांझी के प्रति ऐसी किसी कार्यवाही के बीच लालू प्रसाद ढाल बनकर खड़े हैं। इस बीच बिहार सरकार के कई मंत्रियों ने भी मांझी के पक्ष में खुलकर बयान देना शुरू कर दिया।

शुक्रवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह, शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल और परिवहन मंत्री रमई राम के मांझी का समर्थन करने के बाद दिल्ली से जदयू-राजद अध्यक्षों ने भी मांझी को लेकर की जा रही किसी बातचीत से इन्कार कर दिया। इस बीच राज्य के एक और मंत्री नीतीश मिश्र का समर्थन मिलते ही मांझी विरोधी गुट की हवा निकल गई और उन्हें सफाई देनी पड़ी। चर्चा है कि पार्टी के विधायकों में भी मांझी को लेकर सकारात्मक रुख देखने को मिल रहा है।

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