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मांझी को हटाने की कवायद तेज, 12 को हो सकती है जदयू विधायकों की बैठक

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को हटाने की कवायद और तेज हो गई है। दिल्ली में जहां इसकी पटकथा लिखी जाने लगी है, वहीं संभवत: 12 जनवरी को जदयू के विधायकों से भी औपचारिक-अनौपचारिक चर्चा हो सकती है। मकर संक्रांति के बाद उसे अमली जामा पहनाने की कोशिश होने

By Sachin kEdited By: Published: Fri, 09 Jan 2015 04:54 PM (IST)Updated: Fri, 09 Jan 2015 09:33 PM (IST)

नई दिल्ली जागरण ब्यूरो। बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को हटाने की कवायद और तेज हो गई है। दिल्ली में जहां इसकी पटकथा लिखी जाने लगी है, वहीं संभवत: 12 जनवरी को जदयू के विधायकों से भी औपचारिक-अनौपचारिक चर्चा हो सकती है। मकर संक्रांति के बाद उसे अमली जामा पहनाने की कोशिश होने की भी चर्चा है। यह बात इतनी आगे बढ़ चुकी है कि एक नेता ने-नई पार्टी, नया अध्यक्ष और नया मुख्यमंत्री का नारा भी दे दिया है।

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गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष शरद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बैठक के बाद देर रात नीतीश और लालू प्रसाद की भी मुलाकात हुई। शुक्रवार को बिहार भवन में भी बैठकों का दौर चलता रहा। बताते हैं कि लालू प्रसाद ने भी मांझी को हटाने के सवाल पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। सवाल सिर्फ यही है कि मुख्यमंत्री का बदलाव जनता परिवार के विलय के बाद हो या पहले। बताते हैं कि कुछ नेता यह बदलाव पहले ही कर लेना चाहते हैं।

दरअसल, बदलाव को लेकर जिस तरह जदयू और राजद के अंदर मतभेद दिख रहा है, उससे बहुतों को आशंका है कि विलय आसान नहीं होगा। लिहाजा बदलाव पहले कर लेना चाहिए। सूत्रों की मानें तो 12 जनवरी को पटना में जदयू विधायकों की बैठक हो सकती है। संभवत: सभी समितियों की बैठक उसी दिन बुलाई गई है, ताकि विधायक मौजूद रहें। वहां भी चर्चा हो सकती है। बदलाव की दशा में उदय नारायण चौधरी का नाम सबसे ऊपर है।

हालांकि कई नेताओं का मानना है कि अगर नेतृत्व बदलकर ही चुनाव लड़ना है तो नीतीश को ही दोबारा मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। बताते हैं कि मकर संक्रांति को पटना में जनता परिवार के नेताओं का मिलन होगा। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को भी आमंत्रित किया गया है। वहीं से सभी दलों को अपनी-अपनी पार्टी की बैठक बुलाकर विलय की तैयारियों के लिए कहा जा सकता है।

यह और बात है राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह ने ऊपर से विलय की बजाय नीचे से विलय की बात कहकर नेतृत्व को असहज कर दिया है। जदयू और राजद के विलय को पुष्ट करने के लिए संभव है कि संपर्क यात्रा में लालू और नीतीश साथ दिखें। शनिवार को इस बाबत कुछ और बातें हो सकती हैं। इस दौरान विपक्षी खेमा बढ़ाने के लिए संभवत: नीतीश कुमार ने इनेलो नेता ओम प्रकाश चौटाला से भी मुलाकात की।

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