शिवसेना को जेटली ने दिया सख्त संदेश, बोले- 'विरोध करो, बवाल नहीं'
अपने सहयोगी दल को आगाह करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ऐसे आचरण का असर न सिर्फ अंतर सामुदायिक होता है, बल्कि कुछ मामलों में पड़ोसी देशों के साथ संबंध भी इससे प्रभावित होता है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्थानीय राजनीति में अपनी बढ़त बनाने के लिए शिवसेना द्वारा पिछले कुछ दिनों से जिस तरह का आचरण किया जा रहा है, भाजपा ने उसे सिरे से खारिज कर दिया है। अपने सहयोगी दल को आगाह करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ऐसे आचरण का असर न सिर्फ अंतर सामुदायिक होता है, बल्कि कुछ मामलों में पड़ोसी देशों के साथ संबंध भी इससे प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि विरोध जताने के कई तरीके होते हैं, लेकिन किसी भी गुंडागर्दी या असभ्य तरीके से विवेकशील सभ्य समाज को दूर रहना चाहिए।
मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए जेटली ने नाम लिए बगैर शिवसेना और अन्य संगठनों को अपने रवैये से बाज आने को कहा। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में विरोध का हक है, लेकिन तरीका असभ्य नहीं हो सकता है। जैसी असहिष्णु घटनाएं सुनने में आ रही हैं, वह चिंतित करती हैं।
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उल्लेखनीय है कि भाजपा से नाराज शिवसेना लगातार अपनी सहयोगी पार्टी को असहज कर रही है। कुछ सप्ताह पहले शिवसैनिकों के विरोध के कारण पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली को मुंबई में अपना कार्यक्रम रद करना पड़ा। इसके बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोत दी।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कालिख पोतने वाले कार्यकर्ताओं का सम्मान भी किया। सोमवार को शिवसैनिकों ने मुंबई में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के मुख्यालय में घुसकर जमकर बवाल काटा। इसके चलते पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के साथ बैठक को रद करना पड़ा। इसी दिन हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने राजधानी दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के निर्दलीय विधायक शेख अब्दुल रशीद के ऊपर स्याही फेंक दी।
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पार्टी नेताओं के लिए भी संदेश
वित्त मंत्री के बयान को भाजपा के उन नेताओं के लिए भी संदेश के तौर पर लिया जा रहा है, जिन्होंने दादरी की घटना को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए थे। केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, साक्षी महाराज और संगीत सोम के बयानों ने खुद भाजपा को कठघरे में खड़ा कर दिया था।
रविवार को भाजपा प्रमुख अमित शाह ने इन नेताओं को बुलाकर उन्हें फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन बयानों से बेहद नाराज हैं। जेटली ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने इसे बेहद सख्ती से लिया है। प्रधानमंत्री ने भी अपने विचारों से अवगत कराया है। इन सब से बातचीत की गई है। जेटली ने कहा कि पार्टी ऐसे आचरण में विश्वास नहीं रखती है। उन्होंने आशा जताई कि पार्टी नेता अब संयमित रहेंगे।

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