जाट आरक्षण बिल जरूर लाएंगे लेकिन धमकी देना बंद करें :विज
हरियाणा में जातीय हिंसा से पूर्व में हो चुके नुकसान से सरकार ने सबक ले लिया है। जाट संगठनों के अल्टीमेटम को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने किसी भी उपद्रव से निपटने की तैयारी कर ली। राज्य सरकार ने केंद्र से सुरक्षा बलों की 100 कंपनियां मांग ली हैं।

चंडीगढ़। हरियाणा में जातीय हिंसा से पूर्व में हो चुके नुकसान से सरकार ने सबक ले लिया है। जाट संगठनों के अल्टीमेटम को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने किसी भी उपद्रव से निपटने की तैयारी कर ली है। राज्य सरकार ने केंद्र से सुरक्षा बलों की 100 कंपनियां मांग ली हैं। इस बीच राज्य के मंत्री अनिल विज ने कहा है कि हम जाट आरक्षण बिल जरूर लाएंगे। विज ने कहा कि जाट बंधुओं से कहना चाहता हूं कि धमकियां देना बंद करें। जाट आरक्षण बिल आज विधानसभा में नहीं रखा जाएगा।
कानून-व्यवस्था के बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की कंपनियां जल्द ही पहुंच सकती हैं, जबकि पुलिस बल को मुस्तैद रहने को कह दिया गया है। हरियाणा सरकार ने उपद्रव करने वालों पर रासुका लगाने की तैयारी कर ली है।
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गृह सचिव की तरफ से सभी उपायुक्तों को यह एक्ट लागू करने की पावर दे दी है। एक्ट के तहत छह माह की गैर जमानती सजा का प्रावधान है। हरियाणा के जाट संगठन आरक्षण की बाट जोह रहे हैं। राज्य सरकार ने उनसे इसी बजट सत्र में बिल लाने का वादा किया था। जाट संगठन आरक्षण के साथ-साथ पिछले आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, गिरफ्तार लोगों को रिहा करने और पीडि़त व्यक्तियों को शहीद का दर्जा देकर मुआवजा तथा नौकरी की मांग कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम दे रखा है, जिसकी अवधि कल रात तक खत्म हो जाएगी।
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर राज्य के गृह सचिव पीके दास ने पुलिस महानिदेशक यशपाल सिंघल समेत राज्य के कई सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक की। मंत्री समूह की औपचारिक बैठक में भी इस पर चर्चा की गई।

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