लव जिहाद पर इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन का पलटवार
लव जिहाद के जरिये हिंदू संगठनों के तीखे हमलों का जवाब देने का खाका खिंच चुका है। स्टुडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया [एसआइओ] पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 27 जिलों में अभियान 'दूरियां मिटाओ, परिवर्तन लाओ' चलाने जा रहा है। 21 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे इस दस दिवसीय अभियान के दौरान 20 हजार लोगों से रूबरू होने का लक्ष्य है।
लखनऊ। लव जिहाद के जरिये हिंदू संगठनों के तीखे हमलों का जवाब देने का खाका खिंच चुका है। स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया [एसआइओ] पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 27 जिलों में अभियान 'दूरियां मिटाओ, परिवर्तन लाओ' चलाने जा रहा है। 21 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे इस दस दिवसीय अभियान के दौरान 20 हजार लोगों से रूबरू होने का लक्ष्य है।
एसआइओ का वेस्ट यूपी का क्षेत्रीय कार्यालय अलीगढ़ के शमशाद मार्केट में है। एसआइओ के पश्चिमी यूपी प्रभारी व मेरठ में शोभित यूनिवर्सिटी से बीए कर रहे बदायूं के नजीर उल इस्लाम कहते हैं, लव व जिहाद के मायने बहुत पाक-साफ हैं, लेकिन कुछ लोग इसका प्रयोग मुसलमानों को बदनाम करने में कर रहे हैं। हम 27 जिलों में शिक्षण संस्थानों की मदद से लोगों को जागरूक करेंगे। उन्होंने लव जिहाद को शिगूफा बताते हुए देश तोड़ने की साजिश बताया। 'दूरियां मिटाओ, परिवर्तन लाओ' अभियान 21 से 30 अक्टूबर तक चलेगा। इससे 20 हजार युवाओं को जोड़ेंगे। सभी जिलों से संपर्क किया जा रहा है।
वेस्ट यूपी प्रभारी का तर्क है कि बीते हफ्ते मेरठ में लव जिहाद की दो घटनाएं उछाली गईं। जांच में दोनों गलत मिलीं। वैसे भी संविधान में सबको जीवनसाथी चुनने का अधिकार है। पहले भी दूसरे धर्मो में शादियां होती रही हैं। इसके बहाने अब मुसलमानों के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। इससे दोनों धर्मो के बीच दूरियां बढ़ रही हैं। एसआइओ की एएमयू यूनिट के अध्यक्ष अब्दुल्ला अज्जाम ने बताया कि हम कैंपस और इसके बाहर पोस्टर लगाने जा रहे हैं। प्रचार-प्रसार होने के बाद दूसरे धर्मो के छात्रों के साथ इसकी चर्चा करेंगे। कैंपस की गंगा-जमुनी तहजीब को बर्बाद नहीं होने देंगे।
'पांचजन्य' से कर रहे जागरूक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने अपने मुखपत्र 'पांचजन्य' के ताजा अंक के जरिये लव जिहाद के प्रति जागरूक करना शुरू कर दिया है। संघ के महानगर प्रचार प्रमुख भूपेंद्र कुमार कहते हैं कि लव जिहाद पर पत्रिका में विशेष लेख छपा है। हम इसका ज्यादा से ज्यादा वितरण कर रहे हैं, ताकि इसकी साजिश रचने वालों का सबको पता चल सके।