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    भारत-पाक के बीच रिश्ते सुधारने को अगले वर्ष से वार्ता का सिलसिला जोर पकड़ेगा

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 17 Dec 2015 10:13 PM (IST)

    भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते को सुधारने के लिए बातचीत का जो सिलसिला हाल में शुरु किया गया है वह अगले वर्ष और रफ्तार पकड़ सकती है। अगले महीने से न सिर्फ दोनों देशों के बीच विदेश सचिवों के बीच द्विपक्षीय बातचीत का सिलसिला शुरु होगा बल्कि दोनों देशों

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    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते को सुधारने के लिए बातचीत का जो सिलसिला हाल में शुरु किया गया है वह अगले वर्ष और रफ्तार पकड़ सकती है। अगले महीने से न सिर्फ दोनों देशों के बीच विदेश सचिवों के बीच द्विपक्षीय बातचीत का सिलसिला शुरु होगा बल्कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच भी कई मुलाकातें संभव। इसके साथ ही ऊर्जा, वाणिज्य, पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर बातचीत का सिलसिला शुरु होगा।

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    वैसे भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तरीय बातचीत को सरकार दिल्ली से बाहर करवाने पर विचार कर रही है। ऐसा बैठक को मीडिया के चौबीसों घंटे की नजर से बचाने के लिए किया जा सकता है। यह दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच संभवत अगले महीने के मध्य में बातचीत होगी। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों के बीच होने वाली बातचीत का मुद्दा काफी व्यापक होगा। इसमें आंतकवाद के खिलाफ सहयोग के अलावा अन्य सभी मुद्दों पर विस्तार से बात होगी। यह फैसला पहले ही हो चुका है कि आतंकवाद पर सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के स्तर पर बातचीत होगी। लेकिन जिस तरह से दोनों देशों की सरकारों ने मीडिया की पहुंच से दूर एनएसए स्तरीय बातचीत बैंकाक में करने का फैसला किया था उसी तरह से विदेश सचिव स्तरीय बातचीत को भी दिल्ली से बाहर रखा जाए।

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    सूत्रों के मुताबिक विदेश सचिव स्तरीय बातचीत के आस पास ही इस बात की संभावना है कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की भी एक मुलाकात विदेशी जमीन पर हो। स्विटजरलैंड के दाओस शहर में व‌र्ल्ड इकोनोमिक फोरम की बैठक में नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ दोनों हिस्सा लेंगे। कूटनीतिक स्तर पर यह कोशिश चल रही है कि दोनों की वहां एक मुलाकात हो। उसके कुछ ही समय बाद इसलामाबाद में होने वाली दक्षिण एशियाई देशों की बैठक भी संभावित है जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे। इस दौरान भी मोदी व शरीफ के बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी। इस दौरान विदेश सचिव स्तरीय बातचीत से यह भी तय हो जाएगा कि अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर सहयोग प्रगाढ़ करने के लिए किस तरह से दोनों सरकारों के बीच विभिन्न स्तर पर वार्ता को आगे बढ़ाया जाए।