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    भारतीय सेना ने दिया संकेत, ऐसे और ऑपरेशन संभव

    By manoj yadavEdited By:
    Updated: Wed, 10 Jun 2015 09:37 PM (IST)

    म्यांमार में घुसकर उग्रवादियों पर की गई अपनी तरह की पहली सैन्य कार्रवाई के बाद मोदी सरकार ने साफ संकेत दिया है कि यह अंतिम कार्रवाई नहीं है। सेना का कहना है कि पुष्ट और विस्तृत खुफिया सूचना ही भविष्य में ऐसे ऑपरेशन का आधार होगी। ऐसी सैन्य कार्रवाई की

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। म्यांमार में घुसकर उग्रवादियों पर की गई अपनी तरह की पहली सैन्य कार्रवाई के बाद मोदी सरकार ने साफ संकेत दिया है कि यह अंतिम कार्रवाई नहीं है। सेना का कहना है कि पुष्ट और विस्तृत खुफिया सूचना ही भविष्य में ऐसे ऑपरेशन का आधार होगी। ऐसी सैन्य कार्रवाई की क्षमता का उपयोग करने का अधिकार उन्हें अब केंद्र सरकार से मिल चुका है। वहीं, विदेशी जमीन पर भारतीय सेना के 70 कमांडो के 38 नागा उग्रवादियों के सफाए से अब पाकिस्तान भी थर्रा उठा है।

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    तालमेल पर शीर्ष से नजर :

    केंद्र सरकार का पूरा जोर अब देश के अंदर और बाहर सक्रिय विभिन्न खुफिया एजेंसियों और रक्षा और सुरक्षा एजेंसियों के बीच अधिकतम समन्वय पर है। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ सूत्र ने बुधवार को कहा, भविष्य के ऐसे किसी ऑपरेशन को लेकर सरकार में कोई उहापोह नहीं है। मगर इसके लिए बहुत पुख्ता सूचना होनी चाहिए।

    वीडियो जारी करने पर विचार :

    सेना के अधिकारियों ने माना कि इस ऑपरेशन का वीडियो भी बनाया गया है। हालांकि इसे जारी करने को लेकर अभी सेना ने कोई फैसला नहीं किया है। अमेरिका ने वर्ष 2011 में जब पाकिस्तान में घुस कर ओसामा को मारा था, तो ना सिर्फ इस खुफिया ऑपरेशन का वीडियो जारी किया था, बल्कि इस ऑपरेशन पर सीधे नजर रख रहे राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके वरिष्ठ अधिकारियों की तस्वीर भी जारी की गई थी।

    सेना का नया मंत्र :

    सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि अब हम सिर्फ आतंकी कार्रवाई रोकने भर के लिए नहीं, बल्कि उन्हें पूरी तरह खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। ये कहते हैं कि पूर्वोत्तर में उग्रवादी गुटों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिस तरह हमें छूट दी गई, उसके बाद अपने दुश्मनों से लड़ने में पहली बार हम इतने अधिकार संपन्न महसूस कर रहे हैं। इस ऑपरेशन के बाद हमने यह भी साबित कर दिया है कि ऐसी रणनीति को हम हकीकत में जमीन पर उतार कर दिखा पाने में भी कामयाब हैं।

    सैन्य कार्रवाई का लेखाजोखा :--

    -70 भारतीय कमांडो ने 13 घंटे के सैन्य अभियान में मात्र 40 मिनट ही निर्णायक गोलाबारी की।

    -राकेट लांचरों, ग्रेनेड और नाइट विजन गॉगल्स से लैस कमांडो को ध्रुव हेलीकॉप्टरों से म्यांमार में रात तीन बजे उतारा गया।

    -जमीन पर उतरते ही जंगल के रास्ते विशेष सैन्य दस्ते ने दो हिस्से में बंटकर उग्रवादी संगठनों एनएससीएन(के) और केवाइकेएल के दो शिविरों पर धावा बोला।

    -ऑपरेशन में 38 नागा उग्रवादियों को मार दिया गया। सात गंभीर रूप से घायल हैं। उगवादियों का एक शिविर आग के हवाले किया गया।

    -हमले में कोई अड़चन आने की सूरत में स्टैंडबाई पर वायुसेना के एमआइ-17 हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए थे।

    तिलमिलाया पाकिस्तान

    पाकिस्तान के गृह मंत्री नासिर अली खान ने बुधवार को म्यांमार में मोदी सरकार की उग्रवादियों पर सैन्य कार्रवाई पर अपनी तिलमिलाहट जाहिर करते हुए कहा, 'पाकिस्तान म्यांमार नहीं है।' उन्होंने भारत को चेतावनी दी कि पाकिस्तानी सेनाएं ऐसे किसी भी साहस का जवाब देने में सक्षम हैं। पाकिस्तान भारत की दादागीरी बर्दाश्त नहीं करेगा। भारतीय नेताओं को दिन में सपने देखने बंद कर देने चाहिए। खान ने यह प्रतिक्रिया सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर के उस बयान पर दी है जिसमें उन्होंने कहा कि म्यांमार में सैन्य कार्रवाई अन्य देशों के लिए एक संदेश है।

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