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इबोला प्रभावित देशों से आने वालों की घर तक होगी निगरानी

इबोला वायरस प्रभावित देशों से आने वाले लोगों की उनके घर तक निगरानी की जाएगी। भारत आने के चार हफ्ते बाद तक उन पर नजर रखी जाएगी ताकि इस बीमारी का कोई भी लक्षण नजर आते ही उन्हें पूरी तरह अलग-थलग रखा जा सके। भारत ने प्रभावित देशों को दवा खरीदने के लिए 50-50 हजार अमेरिकी डॉलर की सहायता देने का भी एलान किया

By Edited By: Published: Wed, 06 Aug 2014 10:23 PM (IST)Updated: Thu, 07 Aug 2014 12:07 PM (IST)
इबोला प्रभावित देशों से आने वालों की घर तक होगी निगरानी

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। इबोला वायरस प्रभावित देशों से आने वाले लोगों की उनके घर तक निगरानी की जाएगी। भारत आने के चार हफ्ते बाद तक उन पर नजर रखी जाएगी ताकि इस बीमारी का कोई भी लक्षण नजर आते ही उन्हें पूरी तरह अलग-थलग रखा जा सके। भारत ने प्रभावित देशों को दवा खरीदने के लिए 50-50 हजार अमेरिकी डॉलर की सहायता देने का भी एलान किया है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बुधवार को संसद में कहा कि यूं तो भारत में इस वायरस का संक्रमण फैलने की आशंका बहुत कम है। इसके बावजूद अत्यधिक सावधानी बरतते हुए प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों के ब्योरे संबंधित एयरलाइंस से हासिल किए जाएंगे। ऐसे यात्रियों की उनके अंतिम पड़ाव पर पहुंचने तक निगरानी की जाएगी। इसके बाद भी चार हफ्तों तक यह ध्यान रखा जाएगा कि कहीं उनमें इस बीमारी के लक्षण तो नहीं दिखाई दे रहे। इमिग्रेशन जांच के दौरान ही उन्हें सारी सावधानियों के बारे में बता दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि राज्यों से भी कहा गया है कि वे इस बीमारी के मामले आने की स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल और नोडल अधिकारी की अभी से पहचान कर लें। लोगों में इसके बारे में जागरुकता लाने के लिए विज्ञापन भी जारी किए जाएंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में अब तक 932 लोग इबोला की भेंट चढ़ चुके हैं।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित तीन देशों गयाना, लाइबेरिया और सियरा लियोन में 4,700 भारतीय रहते हैं। जबकि, इबोला के खतरे का सामना कर रहे नाइजीरिया में 40 हजार भारतीय नागरिक हैं। इन देशों में हालात बिगड़ते पर भारतीय नागरिक स्वदेश लौट सकते हैं। सरकार ने सलाह दी है कि जब तक ज्यादा जरूरी न हो भारतीय नागरिक इन देशों की यात्रा न करें।

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