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    बचें डेंगू के डंक से

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    Updated: Tue, 22 Jul 2014 11:57 AM (IST)

    मानसून शुरू हो चुका है, लेकिन यह मौसम कुछ बीमारियों को भी अपने साथ लेकर आता है। इनमें से एक है-डेंगू। कारण -एडीज इजिप्टी नामक मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है। डेंगू का मच्छर अधिकतर सुबह काटता है। -यह मच्छर साफ रुके हुए पानी जैसे कूलर व पानी की टंकी आदि म

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    मानसून शुरू हो चुका है, लेकिन यह मौसम कुछ बीमारियों को भी अपने साथ लेकर आता है। इनमें से एक है-डेंगू।

    कारण

    -एडीज इजिप्टी नामक मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है। डेंगू का मच्छर अधिकतर सुबह काटता है।

    -यह मच्छर साफ रुके हुए पानी जैसे कूलर व पानी की टंकी आदि में पनपता है।

    -डेंगू एक तरह का वाइरल इंफेक्शन है। यह वाइरस चार तरह-डेनवी1,डेनवी 2, डेनवी 3 और डेनवी 4 का होता है। मच्छर के काटने से यह वाइरस खून में आ जाता है।

    लक्षण

    -सर्दी लगकर तेज बुखार आना।

    -सिरदर्द होना।

    -आंखों में दर्द होना।

    -उल्टी आना।

    -सांस लेने में तकलीफ होना।

    -शरीर, जोड़ों व पेट में दर्द होना।

    -शरीर में सूजन होना।

    -त्वचा पर लाल निशान पड़ना।

    -कुछ लोगों को इस बीमारी में रक्तस्राव (ब्लीडिंग)भी हो जाता है। जैसे मुंह व नाक से और मसूढ़ों से। इस स्थिति को डेंगू हेमोरेजिक फीवर कहा जाता है।

    -पेशाब लाल रंग का आना, काले दस्त आना, इस बीमारी के कुछ अन्य लक्षण हैं।

    इलाज

    -गंभीर स्थिति में मरीज को अस्पताल में दाखिल करने की जरूरत पड़ती है। हालांकि डेंगू की गंभीरता न होने की स्थिति में घर पर रह कर ही उपचार किया जा सकता है और पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं होती।

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    -इस रोग में रोगी को तरल पदार्थ का सेवन कराते रहें। जैसे सूप, नींबू पानी और जूस आदि।

    -डेंगू वाइरल इंफेक्शन है। इस रोग में रोगी को कोई भी एंटीबॉयटिक देने की आवश्यकता नहीं है।

    -बुखार के आने पर रोगी को पैरासीटामॉल की टैब्लेट दें। ठंडे पानी की पट्टी माथे पर रखें।

    -रोगी को यदि कहीं से रक्तस्राव हो रहा हो, तब उसे प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता होती है।

    -डेंगू का बुखार 2 से 7 दिनों तक रहता है। इस दौरान रोगी के रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा घटती है। सात दिनों के बाद स्वत: ही प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ने लगती है। लक्षणों के प्रकट होने पर शीघ्र ही डॉक्टर से संपर्क करें।

    (डॉ.सुशीला कटारिया सीनियर फिजीशियन, मेदांत दि मेडिसिटी, गुड़गांव)

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