अमेरिका से 6700 करोड़ की कीमत वाले चार P-8I खरीदेगा भारत
अमेरिका के साथ सामरिक गठबंधन को मजबूत करते हुए भारत चार P-8I एयरक्राफ्ट का सौदा करने वाला है।
नई दिल्ली। भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक कड़ी की मजबूती के प्रयास जारी हैं। दोनों के बीच द्विपक्षीय समझौते के तुरंत बाद अमेरिका की झोली में एक और सैन्य समझौता आ गया है जो इसे हाल के वर्षों में भारत को हथियार भेजने वाला सबसे बड़ा सप्लायर बना देगा।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, शुक्रवार को नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने स्पष्ट कर दिया है 1 बिलियन से अधिक में दूर से निगरानी करने वाला चार Poseidon-8I और एंटीसबमरीन वारफेयर एयरक्राफ्ट को खरीद लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘कंट्रैक्ट का अगले कुछ दिनों में बोइंग के साथ करार हो जाएगा। अगले तीन वर्षों के भीतर नेवी को पहला P-8I मिल जाएगा। 2.1 बिलियन डॉलर के तहत 2013-15 में नेवी द्वारा लाए गए 8 ऐसे एयरक्राफ्ट, रडार हथियारों से लैस चार नये P-8I एयरक्राफ्ट से जुड़ेंगे।‘
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टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, नेवी 8 P-8I का उपयोग कर रहे हैं जो हार्पून ब्लॉक-II मिसाइलों और हल्के वजन वाले MK-54 टॉरपीडो से लैस है। इनका उपयोग हिंद महासागर के समूचे क्षेत्र पर नजर रखने के लिए किया जाता है। साथ ही यह पिछले दो सालों से अधिक समय से चीनी सबमरीन के प्रवेश का गवाह रहा है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमिटी ऑफ सिक्योरिटी ने 1 बिलियन डॉलर यानि 6700 करोड़ रुपये के लगभग के इस डील पर मुहर लगायी है। सूत्रों ने कहा, ‘अगले कुछ दिनों में यह बोइंग के साथ कंट्रैक्ट का करार हो जाएगा।‘ अगले तीन वर्षों के भीतर पहला P-8I नेवी को दे दिया जाएगा।‘
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बोफोर्स स्कैंडल के तीन दशक बाद आर्मी ने इस तरह के हथियारों का पहला सौदा अमेरिका के साथ किया जिसके तहत गत सप्ताह रक्षा मंत्रालय ने 750 मिलियन डॉलर यानि 5,000 करोड़ की कीमत वाला 145 अल्ट्रा लाइट Howitzers का सौदा किया। रक्षा मंत्रालय ने 18 धनुष आर्टीलरी बंदूकों के बल्क उत्पादन पर भी मुहर लगायी।

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