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    मित्र देशों को निर्यात भी किया जाएगा तेजस : रक्षा मंत्री

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Sat, 02 Jul 2016 01:10 AM (IST)

    रक्षा मंत्री ने कहा हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता वाला यह विमान बिना किसी दुर्घटना के तीन हजार से ज्यादा उड़ान भर चुका है।

    नई दिल्ली, (पीटीआई)। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा है कि स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान 'तेजस' सेना की आवश्यकताओं को पूरा करता है और भारत के मित्र देशों को निर्यात के लिए इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, श्रीलंका और मिस्त्र पहले ही इस विमान में अपनी रुचि दिखा चुके हैं।

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    रक्षा मंत्री ने कहा हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता वाला यह विमान बिना किसी दुर्घटना के तीन हजार से ज्यादा उड़ान भर चुका है। 2025 तक 120 तेजस विमान वायुसेना में शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में कोई जवाबदेही नहीं थी इसलिए इस विमान को वायुसेना में शामिल करने में इतना विलंब हुआ। पर्रीकर ने बताया कि वायुसेना, एचएएल और परियोजना में शामिल अन्य साझीदारों को एक साथ लाने के लिए उन्होंने कम से कम 16 से 18 बैठकें कीं।

    तेजस की स्क्वाड्रन 'फ्लाइंग डैगर्स' पहले दो साल बेंगलुरु में रहेगी, लेकिन बाद में इसे तमिलनाडु के सुलूर में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इन्हें अग्रिम मोर्चो पर भी तैनात किया जाएगा।

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