बांग्लादेश में तख्तापलट की आशंका, भारत सतर्क
बांग्लादेश में जमात-ए इस्लामी की तख्तापलट की कोशिशों से भारत सतर्क हो गया है। माना जा रहा है कि अपने अमेरिकी दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने इस पड़ोसी देश में आतंकी संगठनों की हरकतों के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से बातचीत के साथ ही बांग्लादेश की सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग को मदद करने की जरूरत पर
नई दिल्ली। बांग्लादेश में जमात-ए इस्लामी की तख्तापलट की कोशिशों से भारत सतर्क हो गया है। माना जा रहा है कि अपने अमेरिकी दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने इस पड़ोसी देश में आतंकी संगठनों की हरकतों के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से बातचीत के साथ ही बांग्लादेश की सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग को मदद करने की जरूरत पर भी चर्चा कर सकते हैं।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को रिपोर्ट मिली है कि बांग्लादेश में आईएसआई के साथ करीबी रिश्ते रखने वाला संगठन जमात-ए-इस्लामी शेख हसीना को सत्ता से हटाने की साजिश रच सकता है। सूत्रों ने बताया कि जमात-ए-इस्लामी इस साजिश को बांग्लादेशी सेना में मौजूद सांप्रदायिक ताकतों की मिलीभगत से अंजाम दे सकता है।
हसीना के भारत से बहुत अच्छे रिश्ते हैं और उनकी पार्टी अवामी लीग 2009 से ही जमात-ए-इस्लामी पर शिकंजा कसती रही है। इसी वजह से जमात-ए-इस्लामी इस सरकार पर निशाना साधने की तैयारी में है।
सूत्रों ने बताया कि मोदी जब ओबामा के साथ दक्षिण एशिया क्षेत्र के हालात पर चर्चा करेंगे, तो इस दौरान बांग्लादेश के मसले पर भी बात होगी। साथ ही, भारत और बांग्लादेश दोनों पर अल कायदा के खतरे और साउथ एशिया में सीमा पार आतंकवाद जैसे मसले भी मोदी के एजेंडे में होंगे।
हसीना से मिलेंगे मोदी
इससे पहले मोदी 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के मौके पर पहली बार शेख हसीना से मिलेंगे। मोदी ने पिछले हफ्ते बांग्लादेश के विदेश मंत्री महमूद अली से मुलाकात में कहा था कि शेख मुजीब ने बांग्लादेश बनाया और शेख हसीना ने इस देश को बचाया।
भारत को हमेशा मदद की
2009 में सत्ता में लौटने के बाद हसीना ने न सिर्फ उत्तर-पूर्व के विद्रोहियों को भारत के हवाले किया, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा समेत तमाम उन आतंकी संगठनों पर सख्त कार्रवाई की, जिसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई संरक्षण देती है।
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