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    भारत के साथ तीस्ता समझौता जल्द चाहती हैं हसीना

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    Updated: Sun, 24 Aug 2014 08:43 PM (IST)

    प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत से अनुरोध किया है कि तीस्ता नदी जल बंटवारे पर तुरंत समझौता किया जाए। भारत के विदेश राज्यमंत्री वीके ¨सह की बांग्लादेश यात्रा के दौरान उन्होंने यह बात कही। ¨सह ने शनिवार शाम हसीना से मुलाकात की थी। हसीना के प्रेस सचिव एकेएम शमीम चौधरी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात के दौरान कहा कि क

    ढाका। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत से अनुरोध किया है कि तीस्ता नदी जल बंटवारे पर तुरंत समझौता किया जाए। भारत के विदेश राज्यमंत्री वीके ¨सह की बांग्लादेश यात्रा के दौरान उन्होंने यह बात कही।

    ¨सह ने शनिवार शाम हसीना से मुलाकात की थी। हसीना के प्रेस सचिव एकेएम शमीम चौधरी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात के दौरान कहा कि कम पानी की अवधि में बांग्लादेश को पानी की जरूरत पड़ती है इसलिए जितनी जल्दी हो सके तीस्ता नदी जल बंटवारे का समझौता हो जाना चाहिए। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि भारत जमीन सीमा समझौते पर भी अमल करेगा। दोनों देशों के बीच यह समझौता तीन साल पहले हुआ था।

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    ममता ने किया था विरोध

    केंद्र में राजग सरकार बनने के बाद बांग्लादेश की यात्रा करने वाले ¨सह दूसरे मंत्री हैं। इसके पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बांग्लादेश की यात्रा की थी। तब उन्होंने कहा था कि भारत तीस्ता जल समझौते पर आंतरिक सहमति बनाने के प्रयास कर रहा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन ¨सह वर्ष 2011 में तीस्ता पर समझौता करने ही वाले थे, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध के कारण अंतिम क्षणों में समझौता रोक दिया गया।

    बांग्लादेश के लिए महत्वपूर्ण :

    तीस्ता नदी का पानी बांग्लादेश के लिए काफी महत्वपूर्ण है, खासकर दिसंबर से मार्च के बीच ,जब इस नदी में पानी का बहाव बहुत कम हो जाता है।

    व्यापार सम्मेलन में शिरकत :

    ¨सह के पास पूर्वाेत्तर क्षेत्र का स्वतंत्र प्रभार भी है। वे पूर्वोत्तर राज्यों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल के साथ एक व्यापार सम्मेलन में भाग लेने आए थे। इसका आयोजन भारत और बांग्लादेश के व्यापार संगठनों ने मिलकर किया था।

    भारत से जाने-आने की सुविधा :

    बातचीत के दौरान बांग्लादेश ने भारत से जाने-आने के लिए मार्ग की सुविधा की मांग की, जिसे भारत ने मंजूर कर लिया। बांग्लादेश ने यह भी कहा कि नेपाल और भूटान को जोड़ने वाली सड़क के समानांतर रेलवे लाइन डाली जानी चाहिए।

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