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    54 अफ्रीकी देशों के साथ भारत ने शुरू की सम्मेलन की मेजबानी

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 27 Oct 2015 04:16 AM (IST)

    तीसरा भारत-अफ्रीका फोरम सम्मेलन सोमवार को भारत की मेजबानी में शुरू हो गया। अफ्रीका के 54 देशों के साथ भारत ने दो समझौते किए हैं। एक समझौता राजनीतिक एजेंडे को लेकर है और दूसरा अफ्रीका और भारत में लोगों के जीवनस्तर को सुधारने में सहयोग पर है।

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    नई दिल्ली। तीसरा भारत-अफ्रीका फोरम सम्मेलन सोमवार को भारत की मेजबानी में शुरू हो गया। अफ्रीका के 54 देशों के साथ भारत ने दो समझौते किए हैं। एक समझौता राजनीतिक एजेंडे को लेकर है और दूसरा अफ्रीका और भारत में लोगों के जीवनस्तर को सुधारने में सहयोग पर है।

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    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप में बताया कि अफ्रीकी महाद्वीप और भारत के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बातचीत की औपचारिक शुरूआत हो गई है। आज हुए राजनीतिक समझौते में भारत और अफ्रीका के बीच राजनीतिक साझेदारी शामिल है। इसके तहत वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा, दूसरे समझौते में भारत और अफ्रीका विकासात्मक साझेदारी के लिए भागेदारी करेंगे। इसमें भारत की ओर से अफ्रीकी देशों को दिए जाने वाले ऋण संतुलन के साथ ही अफ्रीकी आवश्यकताओं का भी ख्याल रखा जाएगा। इससे दोनों देश मिलकर एक-दूसरे के लोगों का ख्याल रख सकेंगे।

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    स्वरूप ने बताया कि मंगलवार को इस सम्मेलन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अफ्रीकी देशों के नेता मुलाकात करेंगे। मंत्री समूह की ग्रुप फोटो के साथ मंत्रियों की बैठक शुरू होगी। तभी सुषमा स्वराज अफ्रीका के कई देशों के विदेश मंत्रियों के साथ एक के बाद एक द्विपक्षीय बातचीत करेंगी। वह मंगलवार को जिन देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात करेंगी उनमें जिम्बाग्वे, दक्षिणी सुडान, केन्या, मलावी, डीआरसी (डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो), कैमरून, केप वर्डे और घाना शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन का समापन इन देशों के राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात से होगा।

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    भारतीय अफसरों के अनुसार ऐसा पहली बार हो रहा है कि अपने महाद्वीप के इतर 54 अफ्रीकी देशों ने एक साथ बैठक की है। इनमें से 48 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो रहे हैं। इससे पहले भारत और अफ्रीका के बीच दो सम्मेलन दिल्ली में वर्ष 2008 और अडिस अडाबा में 2011 में हुए थे। सम्मेलन का सबसे अहम हिस्सा 29 अक्टूबर को अंजाम दिया जाएगा जिसमें इन देशों के शीर्ष नेता भाग लेंगे। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति भवन में इन देशों के नेताओं को रात्रिभोज देंगे। सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री मोदी कह चुके हैं कि भारत अफ्रीका के साथ बातचीत में विकास, आधारभूत ढांचे, स्वच्छ ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्किल डेवलेपमेंट पर ध्यान केंद्रित करेगा। पिछले 15 सालों में भारत का अफ्रीकी देशों के साथ कारोबार 20 गुना बढ़ गया है। मौजूदा समय में 70 अरब डॉलर का कारोबार हुआ है। भारत अफ्रीका में 30 से 30 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है।

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