पाकिस्तान को बुरहान के अातंकी होने का सबूत देगा भारत!
वानी की हत्या को पाक ने ‘एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल एनकाउंटर’ बताया इसलिए भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग को तलब कर उनके सामने वानी के आतंकी कारनामों के सबूत पेश करने का मन बनाया है
नई दिल्ली। हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद पाकिस्तान की तरफ से बनाए जा रहे कूटनीतिक दबाव का भारत जवाब देने की तैयारी कर ली है। विदेश मंत्रालय पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को समन कर सकता है। भारत की तरफ से बासित को समन कर उन्हें हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने के सबूत दिखा सकता है।
भारत की तरफ बासित को स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सेना के जवानों की हत्या में बुरहान के हाथ होने का सबूत दिखाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर पुलिस गृह मंत्रालय को बुरहान के खिलाफ पेंडिंग 12 एफआईआर की जानकारी पहले ही दे चुकी है। गृह मंत्रालय की ओर से इसे विदेश मंत्रालय को दिया जाएगा ताकि बासित को बतौर सबूत दिखाया जा सके।
पुलिस के हथियारों को छीनने, फायरिंग व बुरी तरह से जख्मी करने, सरपंच और पंच समेत उनके परिजनों की हत्या व त्राल में राष्ट्रीय राइफल्स पैट्रोल पर हमला आदि मामलों में वानी वांटेड था। इंटेलिजेंस ऑफिसर ने कहा इन फिजिकल आतंकी कारनामों से यह बात साबित होता है कि वह केवल ‘ऑनलाइन जिहादी’ नहीं था।
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सोशल मीडिया के पावर का दुरुपयोग कर वानी ने हिज्बुल मुजाहिद्दीन के लिए युवा कश्मीरी लड़कों को रिक्रूट किया, पुलिस हथियारों का लूट, जम्मू कश्मीर में खिलाफत का आइडिया आदि का प्रसार किया।
इस हफ्ते के शुरुआत में पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक बयान जारी किया जिसमें वानी की हत्या को ‘एक्सट्रा- ज्यूडिशल’ बताया और कश्मीरी नेता बुरहान वानी व अन्य कश्मीरी नागरिकों की हाल में हुए हत्या पर इस्लामाबाद की ओर से चिंता व्यक्त करने के लिए भारतीय उच्चायुक्त, गौतम बंबावाले को तलब किया।
इसके अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने वानी की हत्या को एक झटका बताया। जम्मू कश्मीर के हालात का जायजा लेने के लिए आयोजित उच्च-स्तरीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वानी को ‘हीरो’ के तौर पर दिखाने का विरोध किया।
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