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अरब सागर में उतारा स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत

वैदिक मंत्रो'चार, पूजा और भारी मशीनों की गड़गड़ाहट के बीच को'िच तट पर एर्नाकुलम चैनल के रास्ते भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत को अरब सागर में उतारा गया। को'िच में निर्माणाधीन इस विशाल पोत के जलावतरण के साथ भारत के पहले विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रांत को भी नया अवतार मिल गया, जिसे डेढ़ दशक पहले रिटायर कर दिया गया था। रक्षा मंत्री एके एंटनी की पत्नी एलिजाबेथ एंटनी ने हजारों टन फौलाद से बन रहे स्वदेशी विमानवाहक पोत को विक्रांत नाम देने के साथ जलावतरण के लिए रवाना किया। हालांकि, अभी इस सपने के पूरी तरह साकार होने में आधे दशक का इंतजार करना होगा।

By Edited By: Published: Mon, 12 Aug 2013 12:21 PM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2013 09:06 PM (IST)
अरब सागर में उतारा स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत

कोच्चि, जागरण संवाददाता। वैदिक मंत्रोच्चार, पूजा और भारी मशीनों की गड़गड़ाहट के बीच कोच्चि तट पर एर्नाकुलम चैनल के रास्ते भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत को अरब सागर में उतारा गया। कोच्चि में निर्माणाधीन इस विशाल पोत के जलावतरण के साथ भारत के पहले विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रांत को भी नया अवतार मिल गया, जिसे डेढ़ दशक पहले रिटायर कर दिया गया था। रक्षा मंत्री एके एंटनी की पत्नी एलिजाबेथ एंटनी ने हजारों टन फौलाद से बन रहे स्वदेशी विमानवाहक पोत को विक्रांत नाम देने के साथ जलावतरण के लिए रवाना किया। हालांकि, अभी इस सपने के पूरी तरह साकार होने में आधे दशक का इंतजार करना होगा।

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तस्वीरों के जरिए पढ़ें आईएनएस की खासियत

हजारों टन इस्पात से चार साल में बनकर तैयार हुए इस नए विक्रांत के निर्माण ने दूसरे चरण में कदम रख लिया है। इस विमानवाहक पोत को 2018 के अंत तक नौसेना में शामिल करने का लक्ष्य रक्षा गया है। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इसे बनाने वाले कोचीन शिपयार्ड समेत सभी संबंधित पक्षों से उम्मीद जताई कि निर्धारित लक्ष्य को पाने में देरी नहीं होगी। पहले इसे तैनाती के लिए 2014 तक नौसेना को उपलब्ध कराने का लक्ष्य था। हालांकि, गियरबॉक्स व इस्पात उपलब्धता की दिक्कतों के कारण इसे पूरा नहीं किया जा सका। अब भी नौसेना में तैनाती से पहले विमानन समेत कई जटिलताएं पूरी की जानी हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस साल के अंत तक नौसेना को आइएनएस विक्रमादित्य मिल जाएगा। वहीं, अगले कुछ वर्ष में आइएनएस विक्रांत भी उसके पास होगा।

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हिंद महासागर में अपने व्यापक हितों की हिफाजत के लिए भारतीय नौसेना की दो विमानवाहक पोत युद्धक बेड़े तैयार करने की योजना है। आइएनएस विक्रांत का निर्माण 2016 तक पूरा कर समुद्री परीक्षण शुरू करने की योजना है। इस मौके पर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी ने कहा कि नए अवतार में तैयार हो रहा आइएनएस विक्रांत पूरी दुनिया में अपनी श्रेणी के किसी भी युद्धपोत के मुकाबले कम नहीं ठहरेगा। भारत के लिए इस पोत का डिजाइन नौसेना के डिजाइन निदेशालय ने ही तैयार किया है। इस पोत के निर्माण का आधार 2009 में रखा गया था।

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