दिल्ली गैंगरेप: उस घटना के बाद बदल गई पूरी दिल्ली
वसंत विहार गैंगरेप ने भावनात्मक रूप से जहां देश के लोगों को एक साथ जोड़ दिया था, वहीं अव्यवस्थाओं से त्रस्त दिल्ली की पूरी तस्वीर ही बदल कर रख दी। घटना ...और पढ़ें

नई दिल्ली। वसंत विहार गैंगरेप ने भावनात्मक रूप से जहां देश के लोगों को एक साथ जोड़ दिया था, वहीं अव्यवस्थाओं से त्रस्त दिल्ली की पूरी तस्वीर ही बदल कर रख दी। घटना के बाद राजधानी दिल्ली में पुलिस, स्वास्थ्य एवं प्रशासनिक स्तर पर बहुत से फेरबदल किए गए। यह सभी बदलाव मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद हुए। वसंत विहार गैंगरेप की दिल दहला देने वाली खबरें जब मीडिया में आई तो 19 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया। इस मामले में उच्च न्यायालय के दखल के बाद दिल्ली में जो बदलाव हुए वह इस प्रकार हैं:-
दिल्ली गैंगरेप के गुनाहगारों पर फैसला आज
पेट्रोलिंग वाहनों की संख्या बढ़ी
उच्च न्यायालय में जब यह मामला पहुंचा तो पाया गया कि राजधानी में गश्त करने वाले पीसीआर वाहनों की कमी है। अदालत ने इस कमी को दूर करने के निर्देश सरकार को दिए। जिसके बाद दिल्ली पुलिस के लिए 370 नई पीसीआर गाड़ियां खरीदी गईं। इन पीसीआर को रात के समय विशेष रूप से मुस्तैदी के लिए कहा गया।
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जांच अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण
दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों में मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी करने वाली पुलिस को संवेदनशील बनाने के लिए उच्च न्यायालय के आदेश पर पुलिस सुधार नीति के तहत सभी पुलिस अधिकारियों और जांच अधिकारियों को इस तरह के मामलों के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। पुलिसकर्मियों को आपराधिक मामलों में दुष्कर्म एवं दुर्घटना पीड़ितों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाने को कहा गया।
इलाज से इन्कार नहीं करेंगे अस्पताल
उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में राजधानी के सभी निजी अस्पतालों को निर्देश दिया था कि सड़क दुर्घटना या दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों में अगर कोई पीड़ित आता है तो वे उसका उपचार करने से इन्कार नहीं करेंगे। वे पीड़िता का तुरंत उपचार करेंगे और पुलिस को सूचना देंगे। इससे पूर्व में आपराधिक मामलों में पीड़ितों को केवल सरकारी अस्पतालों में ही दाखिल कराया जाता था, क्योंकि निजी अस्पताल इलाज नहीं करते थे। वसंत विहार गैंगरेप पीड़िता को भी नजदीक के निजी अस्पताल में दाखिल कराने के बजाय पुलिस ने सफदरजंग अस्पताल में दाखिल कराया था। जिसके चलते उच्च न्यायालय ने यह निर्देश जारी किया था।
केस दर्ज करने की प्रक्रिया में तेजी
इस घटना के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली में भी बदलाव हुआ है। पहले जहां पुलिस आनाकानी किया करती थी। वहीं, अब आपराधिक मामलों विशेषकर दुष्कर्म के मामलों में शिकायत मिलने पर तुरंत मामला दर्ज करती है और कार्रवाई करती है।
इन्कार नहीं करेगा ऑटो वाला
हादसे से पहले रात में कई ऑटो चालकों ने पीड़िता को ले जाने से इन्कार कर दिया था। जिसके चलते वह बस में गई। इस घटना के बाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर पुलिस ने आदेश दिया कि अगर ऑटो चालक चलने से इन्कार करता है तो उसका दो हजार रुपये का चालान किया जाएगा।
रात में बसों के अंदर रौशनी जरूरी
घटना के समय आरोपियों ने बस की लाइटें बंद कर दी थीं। जिससे कि कोई बस में न देख सके। इस घटना के बाद से यह निर्देश जारी किया गया कि रात में चलने वाली किसी भी सरकारी या निजी बस में न तो पर्दे लगे होंगे और न ही लाइट बंद होगी। इतना ही नहीं शीशे पर काली फिल्म लगाना भी प्रतिबंधित कर दिया गया। महिला कर्मियों की संख्या बढ़ी। इस घटना के बाद से राजधानी के सभी थानों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई। महिला थानों की संख्या बढ़ाई गई। इतना ही नहीं रात के समय दिल्ली की सड़कों पर पुलिस की गश्त में भी काफी इजाफा हुआ।
पुलिसकर्मियों पर भी हुई कार्रवाई
घटना वाली रात ड्यूटी में कोताही बरतने वाले आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस ने उच्च न्यायालय के आदेश पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी।
अस्पताल का फोन नंबर रखते हैं पुलिसकर्मी
दिल्ली उच्च न्यायालय के एक फैसले पर अमल करते हुए यह नई व्यवस्था शुरू की गई कि रात में गश्त करने वाले सभी पुलिस वाहनों में उस क्षेत्र के आस-पास के सभी अस्पतालों के नंबर और वहां तक जल्द पहुंचने के नक्शे की जानकारी होगी। जिससे कि किसी भी पीड़ित को तुरंत मदद मिल सके।
कानून में किया गया संशोधन
वसंत विहार गैंगरेप की घटना के बाद सरकार ने महिलाओं से होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं को लेकर कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के तहत महिला का पीछा करने एवं उसे गलत इशारे करने की हरकतों को भी अपराध के दायरे में शामिल किया गया।
अंधेरे रास्तों पर स्ट्रीट लाइटें लगीं
इस घटना के बाद दिल्ली सरकार ने राजधानी में रात के समय सुनसान रहने वाले सभी क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइटें लगवाई ताकि रात का लाभ उठाकर कोई आपराधिक वारदात न कर सके। इसके अतिरिक्त विभिन्न सुनसान क्षेत्रों में पुलिस की नियमित गश्त बढ़ा दी गई।
महिलाओं की मदद को हेल्पलाइन
महिलाओं की मदद के लिए उच्च न्यायालय के निर्देश पर दिल्ली की मुख्यमंत्री और पुलिस ने महिला हेल्पलाइन शुरू की। इन नंबरों पर दिन-रात शिकायत दर्ज कराने की सुविधा है।
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