भारत बांग्लादेश के साथ, अलग पड़ा पाकिस्तान
इसकी बानगी शुक्रवार को तब मिली जब युद्ध अपराधियों को फांसी देने के मुद्दे पर भारत ने आज बांग्लादेश सरकार की जम कर तरफदारी की।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दक्षिण एशिया में नये तरह के धुव्रीकरण बन रहे हैं। आतंकियों को मदद देने के मुद्दे पर पाकिस्तान सिर्फ दक्षिण एशिया समेत पूरी दुनिया में अलग थलग पड़ रहा है। इसकी बानगी शुक्रवार को तब मिली जब युद्ध अपराधियों को फांसी देने के मुद्दे पर भारत ने आज बांग्लादेश सरकार की जम कर तरफदारी की।
भारत ने कहा है कि यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला है। पिछले हफ्ते बांग्लादेश की सुप्रीम अदालत के आदेश पर जमात ए इस्लामी के पूर्व नेता मीर कासिम अली को युद्ध अपराधी घोषित करते हुए फांसी की सजा दी गई थी। इसको लेकर बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बिगड़ गये हैं। पाकिस्तान ने बांग्लादेश की न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाया था।
शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि 'भारत बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (आइसीटी) के तहत चलाई जा रही न्यायिक प्रक्रिया का समर्थन करता है। यह प्रक्रिया वर्ष 1971 में बांग्लादेश आजादी आंदोलन के दौरान किये गये युद्ध अपराधियों को सजा सुनाने के लिए जारी की गई है। इसे बांग्लादेश में भी भारी समर्थन मिल रहा है। साथ ही यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला भी है।' यह दूसरा मौका है जब भारत ने इस मामले में खुल कर बांग्लादेश को समर्थन दिया है। सनद रहे कि पाकिस्तान इस न्यायिक प्रक्रिया का शुरु से विरोध करता रहा है। लेकिन बांग्लादेश ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मुद्दे पर किसी भी तरह के बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ है। बांग्लादेश ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान के ढाका स्थिति उच्चायुक्त को तलब कर अपनी नाराजगी से अवगत भी कराया है।
बांग्लादेश ने हाल के दिनों में कई बार पाकिस्तान पर उसके आंतरिक मामलों में दखल देने का आरोप लगाता रहा है। ढाका में हुए आतंकी हमले के बाद भी बांग्लादेश ने इसका आरोप पाकिस्तान पर लगाया था। बांग्लादेश के साथ ही अफगानिस्तान भी लगातार पाक पर आतंकियों को मदद करने की आरोप लगा रहा है। इस तरह से भारत समेत दक्षिण एशिया के तीन अहम देश पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगा रहे हैं।

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