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    मुंबई हमले को अंजाम देने के बाद हेडली को दी गई थी 'शाबाशी'

    डेविड हेडली ने गुरुवार को हुई गवाही के दौरान बताया कि मुंबई हमले की सफलता पर वह काफी खुश था। इसके अलावा इलियासी ने भी उसको शाबाशी दी थी। इस हमले में अबु खफा का भतीजा भी शामिल था।

    By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 11 Feb 2016 02:43 PM (IST)

    मुंबई। मुंबई हमले को अंजाम तक पहुंचाने के लिए इसके साजिशकर्ता डेविड हेडली को आतंकी इलियास कश्मीरी ने शाबाशी तक दी थी। इस बात का खुलासा हेडली ने आज गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान किया। उसने कहा कि वह खुद भी इस हमले को मुकाम तक ले जाने से काफी खुश था। इसके अलावा उसने बताया कि बेंगलुरू में हुआ हमला भी लश्कर ने ही कराया था। इसमें अब्दुल अजीत शामिल था। उसको वह पहले से ही जानता था।

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    उसने कहा कि इस आतंकी हमले की सफलता को लेकर वह और साजिद काफी खुश थे। इस दौरान साजिद ने अपने लैपटाॅप पर भारतीय मीडिया में जारी खबरों को भी उसको दिखाया था। उस वक्त वह रावलपिंडी में था। इस गवाही में उसने गेटवे ऑफ इंडिया को भी पहचाना जहां पर आतंकियाें को उतारने की योजना बनाई गई थी।

    हेडली ने दोहराया बयान, इशरत जहां को बताया लश्कर की आत्मघाती हमलावर

    उसने यह भी बताया कि मुंबई पर हुए आतंकी हमले में अबु खफा का भतीजा भी हमलावरों में शामिल था। अबु खफा साजिद मीर के लिए काम करता था और हेडली की उससे मुलाकात वर्ष 2003 में उस वक्त हुई थी जब वह खुद आतंकी ट्रेनिंग ले रहा था। उस वक्त वह उसका ट्रेनर था।

    अपने बयान के दौरान उसने कहा कि जुंद अल फिदा एक फिदायीन आतंकियों की सेना है। जिसका प्रमुख इलियास कश्मीरी है। उसने यह भी बताया कि इलियास कश्मीरी अलकायदा का आतंकी है। अपनी गवाही के दौरान उसने उसके फोटो का भी पहचान लिया। अबु अनस के बारे में जानकारी देते हुए उसने कहा कि वह आतंकी साजिद मीर का सहायक था, जो कि मुंबई हमले के मामले में भारत की साजिश करने वालों की फहरिस्त में शामिल है।

    हेडली ने किया खुलासा, मुंबई हमले के लिए कब-कब हुई पाकिस्तान से फंडिंग

    उसने यह भी बताया कि लश्कर की फाइनेंशियल विंग का प्रमुख लाहौर का एक बिजनेसमैन है। जिसका नाम हाजी अशरफ है। मुंबई हमले को अंजाम देने से पहले हेडली ने लश्कर की नेवल विंग की टीम से आतंकियों की बोट की लोकेशन पर भी चर्चा की थी। इस दौरान लश्कर की नेवल विंग के लोग भी वहां पर मौजूद थे। आतंकियों को मुंबई के तट पर पहुंचाने की जिम्मेदारी मोहम्मद याकूब की थी। वह इसका मुखिया था। उससे हेडली की मुलाकात वर्ष 2003 में हुई थी। हालांकि हेडली ने मुंबई हमले में उसकी ज्यादा बड़ी भूमिका से इंकार कर दिया।

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    उसने बताया कि इस हमले की साजिश बनाने में शामिल पाक आर्मी के केप्टन खुर्रम बाद में लश्कर से खफा हो गया था इसलिए उसने अलकायदा का हाथ थाम लिया। हेडली ने बताया कि उसने लश्कर की महिला आत्मघाती हमलावरों के लिए तीन नाम सुझाए थे जिसमें से एक इशरत जहां का नाम भी शामिशिवसेना ने सामना में हेडली को बताया महान, अमेरिका और कांग्रेस को लताड़ाल था।

    हेडली ने बताया कि वह खुद चार से पांच बार बोट से उन जगहों पर गया था जहां पर आतंकियों को उतारने की योजना बनाई गई थी। इसमें गेटवे ऑफ इंडिया, लियोपार्ड कैफे और वर्ली का इलाका भी शामिल था। वह इन जगहों को ही फाइनल करने के लिए पाकिस्तान से मुंबई आया था। उसने बताया किे 9 से 15 अप्रेल 2008 और 1 जुलाई 2008 से 31 जुलाई 2008 तक वह कई बार मुंबई आया।

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