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    हेडली ने किया खुलासा, मुंबई हमले के लिए कब-कब हुई पाकिस्तान से फंडिंग

    मुंबई हमले के साजिशकर्ता आतंकी डेविड हेडली ने इस हमले से जुड़े कई राज से पर्दा उठाया है। गुरुवार को चौथे दिन अपनी गवाही में उसने इस हमले की फंडिंग को लेकर कई खुलासे किए। इसके अलावा कई नए नामों का भी जिक्र इस दौरान उसने किया है। उसने बताया

    By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 11 Feb 2016 02:49 PM (IST)

    मुंबई। मुंबई हमले के साजिशकर्ता आतंकी डेविड हेडली ने इस हमले से जुड़े कई राज से पर्दा उठाया है। गुरुवार को चौथे दिन अपनी गवाही में उसने इस हमले की फंडिंग को लेकर कई खुलासे किए। इसके अलावा कई नए नामों का भी जिक्र इस दौरान उसने किया है। उसने बताया है कि पाकिस्तान से कई बार इसके लिए उसको फंड मुहैया करवाया गया।

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    हेडली ने किया पाक से फंडिंग का खुलासा

    हेडली के मुताबिक तहव्वुर राणा ने 30 नवंबर 2006 को 17636 और फिर 4 दिसंबर 2006 को एक हजार डॉलर दिए थे। यह सारा पैसा इंडसेंड बैंक की नरीमन प्वॉइंट ब्रांच में जमा कराया गया था। इसके बाद 7 नवंबर को फिर पांच सौ डॉलर, 11 अक्टूबर 2006 को 66605 रुपये ट्रांसफर किए गए। गौरतलब है कि कल हेडली की गवाही को तकनीकी खामी की वजह से टाल दिया गया था।

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    हमले को अंजाम देने के लिए खोला था मुंबई में ऑफिस

    हेडली ने गवाही के दौरान बताया कि 14 सितंबर 2006 को उसने मुंबई की तारदेव मार्किट में एक ऑफिस खोला। जिसके लिए नवंबर 2006 में एग्रीमेंट साइन हुआ था। इस एग्रीमेंट को मिस्टर बोरा जो इसके मालिक थे, उन्होंने साइन किया था। इसके बाद वर्ष 16 जुलाई 2008 में उसने लाइसेंस की को बढ़ाने के लिए आवेदन किया था जिसको मंजूर कर लिया गया था। लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने उसको अकाउंट खोलने की इजाजत नहीं दी।

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    हेडली ने बताया कि वह मुंबई हमले के बाद जनवरी 2009 में अपने इस ऑफिस को बंद करना चाहता था। मेजर इकबाल की भी यही राय थी, लेकिन राणा इसके पक्ष में नहीं था। उसने बताया कि मेजर इकबाल ने करीब दो से तीन बार उसको भारतीय करेंसी उपलब्ध करवाई थी।

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    मीर और मेजर इकबाल ने की थी फंडिंग

    इसके बाद जब उसने दोबारा मुंबई का दौरा करने से पहले साजिद मीर की तरफ से उसको मेजर इकबाल ने चालीस हजार पाकिस्तानी करेंसी मुहैया करवाई। इसके अलावा 25000 डॉलर भी उसको मुहैया करवाए गए। अप्रैल 2008 में मेजर इकबाल की तरफ से उसको दो हजार और जून 2008 में उसको 1500 रुपये दिए गए। उसने बताया है है वर्ष 2007 में तीन बार अपने इंटरनेट कने क्शन के लिए रिलायंस वेबवर्ल्ड गया था। उसके मुताबिक यहां पर उसके सिग्नेचर भी मौजूद हैं।

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