सर्जिकल स्ट्राइक पर रक्षा मंत्री का बयान, इसका श्रेय सेना अौर 127 करोड़ जनता को
सर्जिकल स्ट्राइक पर शंका करने वाले टॉमस (सिर्फ आंखों से देखने पर ही मानने वाले) और सेना समेत देश के 127 करोड़ लोग इस अभियान का श्रेय ले सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने इस दावे को खारिज कर दिया है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के कार्यकाल में या पहले कभी सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी। उन्होंने दो टूक कहा कि पिछले माह गुलाम कश्मीर में की गई सैन्य कार्रवाई का ज्यादा श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को है। अलबत्ता इसका श्रेय किसी राजनीतिक दल को नहीं बल्कि सेना को ही जाता है।
उन्होंने विपक्षी दलों पर इस मुद्दे को लेकर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। मुंबई में आयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों में रक्षा मंत्री ने कहा, 'सर्जिकल स्ट्राइक पर शंका करने वाले टॉमस (सिर्फ आंखों से देखने पर ही मानने वाले) और सेना समेत देश के 127 करोड़ लोग इस अभियान का श्रेय ले सकते हैं। हालांकि, इसका ज्यादा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार को जाता है, जिसने इसका फैसला लिया।
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ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक पहले भी होने के दावे गलत हैं, क्योंकि ये सरकार की जानकारी के बगैर स्थानीय स्तर पर की गई। इस तरह की कार्रवाई सामान्य रूप से होती रहती है। मुझे इसका श्रेय हर देशवासी को देने में हर्ज नहीं है। इसे हमारी सेना ने अंजाम दिया, किसी राजनीतिक दल ने नहीं।' उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में हुई सैन्य कार्रवाइयां बहुत कम तीव्रता की थीं और गुप्त रहती थीं। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को बाद में दी जाती थी। यह पहली ऐसी सैन्य कार्रवाई है, जिसकी मंजूरी सरकार ने दी थी।
जानिए, क्या कहा रक्षा मंत्री ने
दो वर्षो से रक्षा मंत्री हूं। मुझे पिछले सालों में ऐसी किसी सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी नहीं मिली है। इस बार फैसला लिया गया और देश का इरादा समझा दिया गया। सेना ने अपना काम बखूबी पूरा किया। हमारा इरादा इसका श्रेय लेने का नहीं है।
-मनोहर पर्रीकर, रक्षा मंत्री
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विपक्ष मांग रहा सुबूत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित विपक्ष के कई नेताओं ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए थे। कुछ नेताओं ने तो सुबूतों की मांग कर डाली थी। कांग्रेस अधिकृत तौर पर तो सरकार का समर्थन कर रही है, लेकिन उसका कहना है कि उसकी सरकार के दौरान भी ऐसे ही ऑपरेशन चलाए गए थे।
स्ट्राइक के दावे और खंडन
कांग्रेस का तीन हमले का दावा कांग्रेस ने एक सितंबर 2011, 28 जुलाई 2013 और 14 जनवरी 2014 को सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने का दावा किया था। उस समय केंद्र में संप्रग सरकार थी।
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पवार ने किया चार का दावा
पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने नागपुर के एक कार्यक्रम में कहा था कि सेना ने चार बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी। हालांकि, उन्होंने इस संबंध में कोई ब्योरा नहीं दिया था।
भाटिया ने खारिज किए दावे
पूर्व डीजीएमओ विनोद भाटिया ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा था कि पहले कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई थी। छिटपुट कार्रवाइयां सीमा पर होती रहती हैं। यह पहली बड़ी कार्रवाई थी।
बयान से भड़का विपक्ष
सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर के इस बयान से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भड़क उठे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पर्रीकर पूर्व की सर्जिकल स्ट्राइक को खारिज कर सेना के बलिदान का मूल्य घटा रहे हैं। 2011 में ऑपरेशन जिंजर बड़ा सैन्य अभियान था। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। भाकपा नेता डी राजा ने रक्षा मंत्री पर इस मुद्दे का राजनीतीकरण करने का आरोप लगाया। आप नेता आशुतोष ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय सेना से छीनने के लिए माफी मांगनी चाहिए।
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