जम्मू में आई बाढ़ में फंसे यूपी के सैकड़ों लोग
जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ में उत्तर प्रदेश के सैकड़ों लोग घाटी के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं। उनके परिवारीजन ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपकर अपने घरवालों की खोज कराने की मांग की है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में राहत कार्यो के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 20 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है।
लखनऊ [जेएनएन]। जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ में उत्तर प्रदेश के सैकड़ों लोग घाटी के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं। उनके परिवारीजन ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपकर अपने घरवालों की खोज कराने की मांग की है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में राहत कार्यो के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 20 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ट्वीट किया कि वह जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह से संपर्क का भी प्रयास कर रहे हैं। उधर कश्मीर में कार्यरत सीतापुर के 15 लोगों का अपने घर से चार दिनों से संपर्क नहीं हो पाया है।
आजमगढ़ की पुरानी बस्ती से एक ही परिवार के आठ सदस्य व पुराखिजिर से अलग-अलग परिवारों के चार लोग वैष्णो देवी दर्शन करने 26 अगस्त को जम्मू रवाना हुए थे। छह सितंबर तक ये लोग घरवालों के संपर्क में थे, लेकिन सात सितंबर से उनसे फोन पर संपर्क नहीं हो पाया है। मऊ का भी एक युवक लापता है।
कुशीनगर के 84 लोग आपदा में फंसे हैं। इनमें 53 मजदूर हैं और 31 लोग देवी दर्शन के लिए निकले थे। गोरखपुर के सिख परिवारों के करीब ढाई दर्जन सदस्यों के फंसे होने की खबर है। बस्ती के आधा दर्जन परिवारों के रिश्तेदार कश्मीर में फंसे हैं।
मुरादाबाद में चंदौरा गांव के सीआरपीएफ कंपनी जी बटालियन श्रीनगर में तैनात जवान पृथ्वीपाल सिंह की पिछले तीन दिन से कोई सूचना नहीं है। सात सितंबर से अमरोहा के दस युवक जम्मू-कश्मीर के जल प्रलय में लापता हैं। मुरादाबाद और बिजनौर के भी छह युवक लापता हैं।
पिछले माह अनंतनाग में मजदूरी करने गए अलीगढ़ के तीन युवकों का चार दिन से कोई अता-पता नहीं है। शाहजहांपुर के बाड़ीगांव के 85 मजदूरों का पिछले आठ दिन से अपने घरवालों से कोई संपर्क नहीं हुआ है। सर्वाधिक संख्या न्यूरिया के 250 लोगों की है, जो कंडीझाल में फंसे हैं। वे भट्टे पर काम करने जून में यहां से गए थे। शामली जिले के कस्बा जलालाबाद के 44 लोग फंसे हैं।
मेरठ के सौ से अधिक लोग वहां फंसे हैं। ये वैष्णों देवी दर्शन के लिए गए थे। सहारनपुर मंडल के करीब दो दर्जन यात्री व बुलंदशहर के करीब पचास लोग जम्मू-कश्मीर में फंसे हुए हैं।
हापुड़, बिजनौर और बागपत के भी करीब पचास लोगों का पता नहीं चल रहा है। श्रीनगर स्थित पंपर में कैंटीनों में काम करने वाले फीरोजाबाद के गांव नगला और खैय्यातन गांव के एक दर्जन युवक वहीं हैं। आगरा के भी लोग घाटी में फंसे हुए हैं।
मौत के मुंह से लौटे
श्रीनगर से इटावा सकुशल लौटे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की एक्शन कमेटी के चेयरमैन डा. एमएम पालीवाल ने बताया कि घाटी के हालात बेहद भयावह हैं। यहां पहुंचने पर ऐसा लगता है कि जैसे मौत के मुंह से निकलकर आये हों।
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