जम्मू-कश्मीर में फंसे चार लाख लोगों को बचाने की चुनौती
कश्मीर के कई इलाके अभी भी पूरी तरह से बाढ़ में डूबे हैं। राहत और बचाव कार्य में जुटी सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सामने अभी करीब चार लाख लोगों को सुरक्षित बचाने की चुनौती है। जगह-जगह फंसे लगभग एक लाख लोगों को निकाला जा चुका है। लोग घरों व होटलों की छतों पर भूखे-प्यासे बैठकर मदद का इंतजार कर रहे हैं। वे हाथ हिला-हिलाकर भोजन की मांग कर रहे हैं। 225 लोगों की मौत की खबर है लेकिन यह आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सक
जागरण न्यूज नेटवर्क, जम्मू। कश्मीर के कई इलाके अभी भी पूरी तरह से बाढ़ में डूबे हैं। राहत और बचाव कार्य में जुटी सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सामने अभी करीब चार लाख लोगों को सुरक्षित बचाने की चुनौती है। जगह-जगह फंसे लगभग एक लाख लोगों को निकाला जा चुका है। लोग घरों व होटलों की छतों पर भूखे-प्यासे बैठकर मदद का इंतजार कर रहे हैं। वे हाथ हिला-हिलाकर भोजन की मांग कर रहे हैं। 225 लोगों की मौत की खबर है लेकिन यह आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है। कश्मीर में सैकड़ों लोग लापता हैं। दक्षिण कश्मीर के कई हिस्सों में अभी तक राहत अभियान शुरू नहीं हो पाया है। भोजन और पीने के पानी की किल्लत शुरू हो गई है। संचार सुविधाएं थोड़ी बहुत बहाल हो गई हैं। इस बीच सेना ने किन-किन इलाकों से कितने लोग बचाए गए, उनकी सूची भी जारी करनी शुरू कर दी है।
प्रशासन ने सिर्फ जम्मू संभाग में ही 151 लोगों की मौत की पुष्टि की है। साथ ही मृतकों के परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की है।
लगातार तीन दिनों से मौसम में सुधार आने की वजह से राहत अभियान में तेजी आ गई है। बाढ़ से आए पानी का जलस्तर कश्मीर के अधिकांश भागों में कम नहीं हो रहा है। लोग घरों व अन्य स्थानों पर पानी में फंसे हुए हैं। लाल चौक, राजबाग, एयरपोर्ट रोड, हरि सिंह हाई स्ट्रीट, रीगल चौक, शिवपोरा और राजबाग पूरी तरह से जलमग्न हैं। सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ और राज्य पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान में अब तक एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। दूसरी ओर, जम्मू के चौकीचोरा क्षेत्र में सोमवार देर रात मकान गिरने से एक आठ वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। उस समय घर में सभी सो रहे थे।
61 विमान लगे राहत कार्य में:
वायुसेना के 61 विमान राहत कार्यो में लगे हैं। इसके अलावा सेना और एनडीआरएफ की सैकड़ों नौकाएं भी पानी में फंसे लोगों को निकालने के लिए लगाई गई हैं। मंगलवार को करीब छह सौ लोग श्रीनगर व अन्य क्षेत्रों से जम्मू पहुंचे। कश्मीर में सबसे अधिक परेशानी लोगों को पेयजल और भोजन को लेकर हो गई है। हालांकि सेना व स्थानीय लोग भी घरों में फंसे लोगों को खाना मुहैया करवा रहे हैं लेकिन यह पर्याप्त नहीं पड़ रहा है। वायुसेना हेलीकॉप्टर से कई जगहों पर खाने के पैकेट गिरा रही है।
एक हफ्ते में खुलेगा हाईवे, रेल सेवा बहाल:
भारी बारिश व भूस्खलन से छह दिन से बंद जम्मू-श्रीनगर हाईवे को खुलने में अभी एक सप्ताह का समय और लगेगा। कश्मीर के लिए खाद्य सामग्री लेकर गए 300 ट्रक भी रास्ते में फंसे हुए हैं। कश्मीर में हवाई मार्ग से ही खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है। इस बीच, जम्मू-ऊधमपुर-कटड़ा के बीच चार दिन से ठप पड़ी रेल सेवा बहाल हो गई। लंबी दूरी की कई ट्रेनों के साथ डीएमयू ट्रेन दोनों ओर से रवाना हुई।
फिर शुरू वैष्णो देवी यात्रा:
सोमवार दोपहर बंद की गई वैष्णो देवी यात्रा मंगलवार सुबह फिर से शुरू कर दी गई। दोपहर दो बजे तक छह हजार श्रद्धालु पंजीकरण करवा कर मां वैष्णो देवी के भवन के लिए रवाना हो चुके थे। नए मार्ग पर भूस्खलन के कारण पुराने मार्ग से वाया भैरो घाटी यात्रा जारी है। अभी बिजली और पानी की व्यवस्था सुचारू नहीं हो सकी है पर भवन सहित मार्ग पर खाने-पीने का सामान धीरे-धीरे पहुंचना शुरू हो गया है।
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