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    हुदहुद की निकली हवा, अब भारी बारिश की चेतावनी

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Mon, 13 Oct 2014 09:10 AM (IST)

    बंगाल की खाड़ी से उठा भीषण चक्रवाती तूफान हुदहुद विवार दोपहर आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम के तट को छूने के छह घंटे बाद ही कमजोर पड़ गया। लगभग दो सौ किम ...और पढ़ें

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    विशाखापत्तनम। बंगाल की खाड़ी से उठा भीषण चक्रवाती तूफान हुदहुद विवार दोपहर आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम के तट को छूने के छह घंटे बाद ही कमजोर पड़ गया। लगभग दो सौ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चक्रवाती तूफान ने तट को छुआ, लेकिन इसके बाद इसकी गति कम होती गई। नई दिल्ली स्थित भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक एम. महापात्र ने बताया कि विशाखापत्तनम से 60 किमी उत्तर-पश्चिम में इसकी गति 100-110 किमी प्रति घंटे रह गई।

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    हालांकि तटीय आंध्र में यह तबाही के निशान छोड़ गया। इसके प्रभाव से विशाखापत्तनम, श्रीकाकुलम व विजयनगरम जिलों में कई कच्चे घर ध्वस्त हो गए, पेड़ उखड़ गए और छतें उड़ गई। हुदहुद के तट से टकराते ही विशाखापत्तनम, श्रीकाकुलम व विजयननगरम जिलों को झंझावाती हवाओं ने झकझोर दिया। तीनों जिलों में बड़ी संख्या में बिजली व फोन के खंभे, केबल व होर्डिग्स सड़कों पर आ गिरे। इससे बिजली व संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई और जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा। आंध्र प्रदेश सरकार के अनुसार राज्य के चार जिले विशाखापत्तनम, श्रीकाकुलम, विजयनगरम व पूर्वी गोदावरी जिले तूफान प्रभावित हैं। तूफान के पूरी तरह कमजोर पड़ने तक लोगों से घरों में ही रहने को कहा गया है।

    छह लोगों की मौत:

    चक्रवाती तूफान के चलते छह लोगों की मौत हो गई। आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव आइवीआर कृष्णा राव ने बताया कि पेड़ उखड़ने व दीवार गिरने से विशाखापत्तनम और श्रीकाकुलम जिलों में तीन लोगों की मौत हुई है। ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में दो बच्चों व पुरी जिले में एक मछुआरे की मौत हो गई।

    3.5 लाख लोग निकाले गए:

    आंध्र प्रदेश सरकार ने तूफान से पहले ही लगभग ढाई लाख लोगों को उनके स्थान से निकालकर सुरक्षित जगहों पर भेज दिया था। ओड़िशा सरकार ने भी एक लाख लोगों को समय रहते सुरक्षित निकाल लिया। राज्य में प्रभावित लोगों के लिए 604 कैंप बनाए गए हैं। छत्तीसगढ़ में भी पांच हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।

    ओडिशा में मूसलाधार बारिश:

    तूफान के विशाखापत्तनम में दस्तक देने के कुछ ही समय बाद ओडिशा में जोरदार बारिश शुरू हो गई। राज्य के तटीय और दक्षिणी क्षेत्र में मूसलाधार से मध्यम दर्जे की बारिश हुई। यहां सुबह के समय अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं।

    मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भुवनेश्वर में बताया कि गंजाम, गजपति, कोरापुट, पुरी, कालाहांडी और केंद्रपाड़ा जिलों में तूफान का ज्यादा असर देखा गया। मौसम विभाग के अनुसार तूफान के चलते अगले तीन दिनों तक राज्य में बारिश की आशंका बनी हुई है। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पीके महापात्र ने बताया कि राज्य में तूफान से ज्यादा नुकसान की सूचना नहीं है।

    दक्षिण भारत की 58 ट्रेनें रद:

    रेलवे ने तूफान के कारण दक्षिण भारत की 58 ट्रेनों को रद कर दिया है और 50 गाड़ियों का रूट बदला गया है। उधर दक्षिण-मध्य रेलवे ने हुदहुद पीड़ितों को शरण देने के लिए आंध्र के चार बड़े स्टेशनों पर 55 खाली कोचों वाली चार ट्रेनें खड़ी की हैं। ईस्ट कोस्ट रेलवे ने महत्वपूर्ण स्टेशनों पर आरक्षण केंद्र रात 10 बजे तक खोले रखने का फैसला किया है।

    ऐसे कमजोर पड़ा तूफान:

    विशाखापत्तनम में तट से टकराने के बाद तूफान कमजोर पड़ गया। दिल्ली में मौसम विभाग के महानिदेशक लक्ष्मणसिंह राठौर ने बताया कि भौगोलिक स्थिति के कारण तूफान की तीव्रता पहले छह घंटे में कम हुई और उसके अगले 12 घंटे में यह और कम हो जाएगी। हालांकि कई क्षेत्रों में अगले तीन दिन तक भारी वर्षा का खतरा बना रहेगा।

    ऑपरेशन लहर चलाएगी नौसेना:

    आंध्र प्रदेश और ओडिशा में राहत और बचाव कार्य के लिए नौसेना ने आपरेशन लहर चलाने का फैसला किया है। राहत कार्य में सेना भी प्रशासन की मदद कर रही है। इसके लिए ओडिशा के गोपालपुर में सेना ने डिजास्टर मैनेजमेंट सेल का भी गठन किया है। वायु सेना भी राहत कार्य में जुट गई है।

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