शिक्षक दिवस का नाम नहीं बदल रही सरकार
शिक्षक दिवस के मौके पर आयोजित किए जा रहे 'गुरु उत्सव' के खिलाफ हो रही सियासत पर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने हैरानी जताई है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ एक निबंध प्रतियोगिता है। शिक्षक दिवस का नाम या इससे जुड़ी किसी परंपरा को सरकार बदलने नहीं जा रही है। भाजपा की सहयोगी पीएमके और एमडीएम
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। शिक्षक दिवस के मौके पर आयोजित किए जा रहे 'गुरु उत्सव' के खिलाफ हो रही सियासत पर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने हैरानी जताई है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ एक निबंध प्रतियोगिता है। शिक्षक दिवस का नाम या इससे जुड़ी किसी परंपरा को सरकार बदलने नहीं जा रही है।
भाजपा की सहयोगी पीएमके और एमडीएमके सहित दक्षिण की कई पार्टियों ने शिक्षक दिवस को संस्कृत नाम देने की साजिश बताते हुए गुरु उत्सव का विरोध किया है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रहे विरोध के बाद सोमवार को मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, 'मंत्रालय की ओर से परंपरागत शिक्षक दिवस कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा। गुरु उत्सव एक निबंध प्रतियोगिता है। यह शिक्षकों के योगदान का उत्सव है। अगर इसका विरोध हो रहा है तो मुझे लगता है कि कुछ लोग हैं, जो नहीं चाहते कि उन शिक्षकों का सम्मान हो, जो हमारे समाज की नींव हैं।'
मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े एक शीर्ष सूत्र ने भी सारे विरोध को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, यह निबंध प्रतियोगिता संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज सभी भाषाओं में आयोजित करवाई गई है। इसमें लाखों छात्रों ने भाग लिया है और यह देशभर में बहुत लोकप्रिय हुई है। साथ ही उन्होंने बताया कि अब तक किसी भी राज्य सरकार ने आधिकारिक रूप से इस पर विरोध दर्ज नहीं करवाया है। राज्यों के शिक्षा सचिवों के साथ हुई बैठक में इस पर पहले ही सहमति बन चुकी थी।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने हालांकि इस आयोजन का विरोध करते हुए कहा, 'यह मासूम बच्चों के दिमाग को प्रभावित करने के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का सीधा उदाहरण है।' भाजपा की सहयोगी पीएमके के एस रामदास ने भी कहा, हम 'टीचर्स डे' का नाम बदले जाने का समर्थन नहीं कर सकते। डीएमके प्रमुख करुणानिधि ने तो इसे बड़ी तैयारी का हिस्सा बताते हुए कहा, 'वर्षो से हम इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाते रहे हैं। अब सरकार एक आदेश जारी कर इसे गुरु उत्सव बना रही है। इस तरह वे धीरे-धीरे हमारी भाषा पर कब्जा करते हैं और फिर भाषा से जुड़े लोगों को काबू कर लेंगे। इस नीति का इससे बड़ा उदाहरण क्या होगा?'
शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्कूली बच्चों के लिए विशेष तौर पर भाषण भी देने वाले हैं। उनके इस भाषण को स्कूलों में बच्चों को टीवी पर दिखाया जाना है। कई गैरभाजपा शासित राज्य इसका भी विरोध कर रहे हैं। स्मृति ने स्पष्ट किया कि स्कूलों में यह भाषण दिखाया जाना भी ऐच्छिक है।