लोकपाल को असरदार बनाएगा केंद्र, चयन समिति के अध्यक्ष होंगे प्रधानमंत्री
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकपाल को असरदार बनाने की ओर पहला कदम उठा लिया है। सरकार ने नियमों में संशोधन कर सर्च कमेटी को ज्यादा सशक्त बनाने का निर्णय लिया है। समिति को भ्रष्टाचार निरोधक निकाय के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति की सिफारिश करने का अधिकार दिया गया है। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, क
नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकपाल को असरदार बनाने की ओर पहला कदम उठा लिया है। सरकार ने नियमों में संशोधन कर सर्च कमेटी को ज्यादा सशक्त बनाने का निर्णय लिया है। समिति को भ्रष्टाचार निरोधक निकाय के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति की सिफारिश करने का अधिकार दिया गया है।
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग सर्च कमेटी के नियमों में संशोधन कर रही है, जिसे जल्द ही अधिसूचित कर दिया जाएगा। मौजूदा नियमों के मुताबिक आठ सदस्यीय सर्च कमेटी को चयन समिति के विचार के लिए लोगों का एक पैनल बनाने का काम दिया गया है। चयन समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे, जो लोकपाल के अध्यक्ष व सदस्यों को नियुक्त करेंगे। नियमों के मुताबिक इन लोगों को डीओपीटी की तरफ से उपलब्ध कराए गए पैनल में से चुना जाना है। सूत्रों ने बताया कि सरकार सर्च कमेटी को सशक्त करेगी, ताकि चयन समिति के विचार के लिए डीओपीटी की सूची से बाहर के लोगों को भी शामिल किया जा सके। साथ ही सर्च कमेटी के संविधान में कुछ और बदलाव भी हो सकते हैं। डीओपीटी ने कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर लोकपाल के अधीन सरकारी कर्मचारियों को संपत्तिकर दायर करने के नियमों की समीक्षा करने को कहा है। लोकपाल व लोकायुक्त अधिनियम के मुताबिक हर नौकरशाह अपनी संपत्तिायों और जवाबदेही की घोषणा करेगा। सूत्रों ने कहा कि किसी सरकारी अधिकारी द्वारा इस तरह के रिटर्न दाखिल करने के फॉर्म का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इससे संबंधित नियम कानून मंत्रालय को भेज दिए गए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए लोकपाल अधिनियम महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति में सदस्य के तौर पर लोकसभा अध्यक्ष, निचले सदन में विपक्ष के नेता, भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनकी तरफ से मनोनीत सुप्रीम कोर्ट के जज, राष्ट्रपति या किसी अन्य सदस्य द्वारा नामित एक प्रमुख कानूनविद् होंगे। निचले सदन में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने चूंकि विपक्ष के नेता के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं किया है। इसलिए लोकपाल के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति में कुछ वक्त लग सकता है।