लोकपाल नियुक्ति नियमों में बदलाव को तैयार सरकार
नई दिल्ली, जाब्यू। केंद्र सरकार लोकपाल नियुक्ति नियमों में बदलाव करने को तैयार हो गई है। नियमों में बदलाव के बाद ही लोकपाल की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। सॉलिसिटर जनरल मोहन परासरन ने लोकपाल नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी। गैर सरकारी संगठन कॉमनकाज ने एक याचिका दा
नई दिल्ली, जाब्यू। केंद्र सरकार लोकपाल नियुक्ति नियमों में बदलाव करने को तैयार हो गई है। नियमों में बदलाव के बाद ही लोकपाल की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। सॉलिसिटर जनरल मोहन परासरन ने लोकपाल नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी।
गैर सरकारी संगठन कॉमनकाज ने एक याचिका दाखिल कर लोकपाल नियमों को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि नियम मुख्य कानून की भावना के अनुरूप नहीं हैं और नियम 10 व 10 (4) को निरस्त करने की मांग की गई है। केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा के नेतृत्व वाली पीठ को बताया कि सरकार लोकपाल नियमों की समीक्षा कर रही है और नियम 10 (1) में बदलाव किया जा रहा है। परासरन ने कहा, मौजूदा नियमों में सर्च कमेटी सरकार से मिले नामों से पैनल तैयार कर चयन के लिए सलेक्ट कमेटी के पास भेजती है। इस पर भी आपत्ति जताई गई है कि अभी सुप्रीम कोर्ट के जज या हाई कोर्ट के जज को भी कार्मिक विभाग (डीओपीटी) के समक्ष औपचारिक आवेदन करना पड़ता है ताकि सर्च कमेटी उनके नाम पर विचार कर सके। सरकार ने इस नियम की समीक्षा की है और महसूस किया कि हो सकता है कि न्यायाधीश अपने पद की गरिमा को देखते हुए सरकार के समक्ष आवेदन न करें, ऐसे में अच्छे लोग चयन के दायरे से बाहर हो जाएंगे।
इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि सर्च कमेटी को हक दिया जाए कि वह सरकार की ओर से भेजे गए नामों के अलावा भी स्वयं चाहे तो किसी अन्य उपयुक्त व्यक्ति का नाम नियुक्ति पैनल में शामिल कर सके। भले ही इसके लिए उस व्यक्ति ने आवेदन न किया हो। ऐसा होने से विभिन्न क्षेत्रों के सबसे काबिल लोग नियुक्ति के लिए उपलब्ध होंगे। परासरन ने कोर्ट को बताया कि नियम बदलने में थोड़ा वक्त लग सकता है। इस पर पीठ ने उनसे कहा कि सरकार नियमों में बदलाव करने के बाद ही चयन प्रक्रिया शुरू करे।
याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सर्च कमेटी द्वारा तैयार नामों का पैनल वेबसाइट पर डाला जाए। पीठ ने भी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर सहमति जताई और सरकार से पूछा कि वह प्रक्रिया में पारदर्शिता कैसे कायम करेगी? कोर्ट ने कानून बनने के बावजूद नियुक्ति में हो रही देरी पर भी चिंता जताई।
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