आतंकियों को सरकारी फंडिंग, एनआइए ने मारा छापा
मामले का खुलासा उस समय हुआ जब पिछले साल जुलाई में एनएससीएन (खापलांग) के वित्त विभाग के प्रमुख खेटोशे सुमी को असम राइफल्स ने गिरफ्तार किया।
नीलू रंजन, नई दिल्ली।भारत में आतंकियों को सरकारी फंडिंग। चौंकिए नहीं। यह सच्चाई है। नागालैंड में यह लंबे समय से चल रहा है। अब जाकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने इसकी जांच शुरू की है। इस सिलसिले में एनआइए ने बुधवार को नागालैंड में आतंकियों को फंडिंग करने वाले विभिन्न सरकारी विभागों पर छापा मारा है। फंडिंग पाने वाले आतंकी संगठनों में 18 सैनिकों की हत्या करने वाला एनएससीएन (खापलांग) भी शामिल है।
मामले का खुलासा उस समय हुआ जब पिछले साल जुलाई में एनएससीएन (खापलांग) के वित्त विभाग के प्रमुख खेटोशे सुमी को असम राइफल्स ने गिरफ्तार किया। सुमी के पास से नागालैंड के विभिन्न सरकारी विभागों से धन लेने के दस्तावेज मिले। इसके आधार पर कोहिमा पुलिस ने पहले एफआइआर दर्ज की। लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इसकी जांच एनआइए को सौंप दी।
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जांच के दौरान एनआइए ने सितंबर में एनएससीएन (खापलांग) के एक अन्य आतंकी विक्टो सुमी स्वू को कोहिमा से गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों से पूछताछ और लंबी जांच के बाद एनआइए को जो जानकारी मिली वे चौंकाने वाले थे। एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आतंकियों को फंडिंग करने के लिए नागालैंड के विभिन्न विभाग आम लोगों से गैरकानूनी टैक्स वसूलते थे और फिर उन्हें आतंकी संगठनों को दे देते थे। यानी सरकारी विभाग आतंकियों के लिए टैक्स वसूलने का जरिया बन गया था।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती जा रही है। नए-नए विभागों के आतंकी फंडिंग में शामिल होने के सबूत मिल रहे हैं। इस मामले में एनएससीएन (खापलांग) को फंडिंग करने वाले कई विभागों के दफ्तरों पर अक्टूबर में भी छापा मारा गया था, जिसमें अहम दस्तावेज बरामद हुए थे। नए सबूतों से लैस एनआइए के अधिकारियों ने बुधवार को नए सिरे से कोहिमा के कई सरकारी दफ्तरों पर छापा मारा।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकारी दफ्तरों से मिले दस्तावेजों से साफ हो गया है कि सरकारी दफ्तर विभिन्न आतंकी संगठनों के लिए अवैध टैक्स वसूली का जरिया बन गए थे।गौरतलब है कि एनएससीएन (खापलांग) के आतंकियों ने चार जून 2015 को घात लगाकर 18 सैनिकों की हत्या कर दी थी। इसके जवाब में भारतीय सेना के स्पेशल फोर्स ने म्यांमार के भीतर घुसकर खापलांग के आतंकी शिवरों को नष्ट कर दिया था। एनएससीएन (खापलांग) को केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित कर रखा है।
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