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    दिल्‍ली में सरकारी बंगलों पर दिग्गज फनकारों का कब्जा

    By Sanjay BhardwajEdited By:
    Updated: Sun, 12 Jul 2015 09:34 AM (IST)

    सरकारी मकानों पर देश के बुजुर्ग और दिग्गज कलाकारों ने कब्जा जमा रखा है, इनमें कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज, संतूर वादक भजन सोपोरी जैसे नाम शामिल हैं। तीन साल के लिए आवंटित होने वाले टाईप-4 और 5 श्रेणी के इन सरकारी आवासों पर 36 सालों से कलाकारों का कब्जा

    नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। सरकारी मकानों पर देश के बुजुर्ग और दिग्गज कलाकारों ने कब्जा जमा रखा है, इनमें कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज, संतूर वादक भजन सोपोरी जैसे नाम शामिल हैं। तीन साल के लिए आवंटित होने वाले टाईप-4 और 5 श्रेणी के इन सरकारी आवासों पर 36 सालों से कलाकारों का कब्जा है। कई पुराने कलाकारों की मौत के बाद भी परिजनों ने आवास खाली नहीं किया है।

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    सरकारी आवासीय व्यवस्था की देखरेख करने वाला शहरी विकास मंत्रालय भी इन कलाकारों से घर खाली कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। इतना जरूर है कि हर छह माह में मंत्रालय इन मकानों को खाली करने का एक नोटिस जरूर जारी कर देता है। पुराने लोगों के मकान न छोड़ने से नई पीढ़ी के कलाकारों को सरकारी आवास मयस्सर नहीं हो पा रहा है।

    प्रतिष्ठित कलाकारों के लिए दिल्ली में 40 मकानों का कोटा है। इनमें से 27 पर कलाकार या उनके परिजनों का डेरा है। मकान उन्हीं कलाकारों को देने का प्रावधान है, जिनके पास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में घर नहीं है। उन्हें यह घर तीन साल के लिए दिया जाता है। विशेष हालात में अवधि तीन साल बढ़ाई जा सकती है। कलाकारों की मासिक आमदनी 20 हजार से अधिक नहीं होनी चाहिए।

    2008 में कैबिनेट की आवासीय समिति ने शर्त जोड़ दी कि कलाकार की उम्र 40-60 साल के बीच होनी चाहिए। उनकी मृत्यु होने पर परिजन छह माह में घर खाली कर देंगे। नए कलाकारों के लिए मकान आवंटन को कमेटी हर छह माह पर बैठक करेगी। समिति की अध्यक्षता संस्कृति मंत्रालय के सचिव करते हैं। मंत्रालय के संयुक्त सचिव (संगीत नाटक अकादमी), ललित कला अकादमी, साहित्य अकादमी के सचिव, नेशनल स्कूल आफ ड्रामा और संपत्ति विभाग के निदेशक सदस्य हैं।

    इन कलाकारों का कब्जा

    भजन सोपोरी - संतूर (11 साल)

    भारती शिवाजी - मोहिनीयट्टम (27 साल)

    पंडित बिरजू महाराज - कथक (36 साल)

    डी देवराज - प्रिंट मेेकिंग (24 साल)

    एफडब्ल्यू डागर - ध्रुपद (16 साल)

    गीतांजलि लाल - कथक (26 साल)

    जीआर इरान्ना - पेंटर (11 साल)

    गुलाम सिद्दीक खान - गायन (24 साल)

    गुरु जितेंद्र - कथक (26 साल)

    एचके बेहरा - ओडिसी (26 साल)

    जतिन दास - पेंटर (26 साल)

    गुरु जयारामा राव - कुचिपुड़ी (16 साल)

    जॉय माइकल - थिएटर (25 साल)

    कमलिनी - कथक (11 साल)

    केआर सुब्बाना - पेंटर (11 साल)

    मायाधर राउत - ओडिसी (26 साल)

    मोहन महर्षि - थिएटर (11 साल)

    राजा रेड्डी - कुचिपुड़ी (21 साल)

    रानी सिंहल - भरतनाट्यम (11 साल)

    रीता गांगुली - गजल (25 साल)

    एस कनक - भरतनाट्यम (11 साल)

    सुनील कोठारी - क्रिटिक (11 साल)

    सुरजीत सेन - ब्राडकास्टर (24 साल)

    साबरी खान - सारंगी (24 साल)

    स्वर्गवासी हो चुके उस्ताद

    असद अली खान - रुद्रवीणा (20 साल रहे और चार साल से परिवार के लोग रहते हैं)

    उस्ताद आरएफके डागर - ध्रुपद (9 साल रहे और अब चार साल से परिवार के लाेग रहते हैं)

    उस्ताद अली विलायत - सितार (24 साल रहे और अब 11 साल से परिवार के लोग रहते हैं)

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