डीएनए टेस्ट के लिए दिल्ली रवाना हुए गीता के पिता
एक दशक पूर्व भटककर पाकिस्तान पहुंची गीता उर्फ हीरा के पिता जनार्दन महतो मंगलवार दोपहर विमान से दिल्ली रवाना हुए। डीएनए टेस्ट के लिए विदेश मंत्रालय ने उन्हें दिल्ली बुलाया है। उनके साथ एक मजिस्ट्रेट व तीन पुलिस अधिकारियों को भी भेजा गया है।
पटना। एक दशक पूर्व भटककर पाकिस्तान पहुंची गीता उर्फ हीरा के पिता जनार्दन महतो मंगलवार दोपहर विमान से दिल्ली रवाना हुए। डीएनए टेस्ट के लिए विदेश मंत्रालय ने उन्हें दिल्ली बुलाया है। उनके साथ एक मजिस्ट्रेट व तीन पुलिस अधिकारियों को भी भेजा गया है। रवानगी के पूर्व पत्रकारों से वार्ता में जनार्दन ने कहा कि मेरी बेटी हीरा मेले में बिछड़कर पाकिस्तान चली गई थी। उसे टीवी पर देखते ही हम पहचान गए। उसके बिछड़ने के बाद से मैं अस्वस्थ हो गया हूं। जब से उसका पता चला, हम बहुत खुश हैं।
सहरसा के धाप कबीरा गांव निवासी जनार्दन ने बताया कि उन्हें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिल्ली बुलाया है। हीरा मेरी बेटी है। सरकार टेस्ट करा ले। उसे अब अपने घर में ही रखेंगे। ससुराल नहीं भेजेंगे। उन्होंने फिर कहा कि उसकी शादी उमेश महतो से की थी, लेकिन अब उसके पास नहीं जाने देंगे। यह अफवाह फैलाई जा रही है कि उसका विवाह नहीं हुआ है। उसका तो 11 साल का बेटा भी है। वह मूक बधिर है। वह सिर्फ इशारे से अपनी बात कहती है। गौरतलब है कि गीता फिलहाल कराची में ईधी फाउंडेशन की देखरेख में रह रही है।
'पांच दिन बाद आ रही हूं हिंदुस्तान'
खंडवा।: गीता ने मध्य प्रदेश के इंदौर के बाद खंडवा के मूक बधिर बच्चों से भी वीडियो कॉलिंग के जरिये बातचीत की। उसके चेहरे पर हिंदुस्तान लौटने की खुशी साफ झलक रही थी। उसने बच्चों से बताया कि वह पांच दिन बाद विमान से अपने देश आ रही है। लालचौकी स्थित मूक बधिर छात्रावास में पढ़ रहे 53 बच्चों के लिए मंगलवार का दिन खास रहा। गीता को लैपटॉप स्क्रीन पर देखकर बच्चे उत्साहित हो उठे और ऑनलाइन साइन लैंग्वेज के जरिये हाय-हैलो व नमस्ते जैसा अभिवादन किया। इस दौरान छात्रावास के इंदौर डायरेक्टर ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि विदेश मंत्रालय से अनुमति के बाद वे पिछले कुछ दिनों से गीता को ऑनलाइन साइन लैंग्वेज सिखा रहे हैं। पुरोहित साइन लैंग्वेज की मदद से अब तक 50 गुमशुदा मूक बधिर बच्चों को उनके परिजनों से मिलवा चुके हैं।