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    अपने हक के लिए सड़क पर उतरा जयपुर राजपरिवार

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Thu, 01 Sep 2016 08:20 PM (IST)

    जयपुर के पूर्व राजघराने की राजमाता पद्मिनी देवी जयपुर विकास प्राधिकरण की कार्रवाई के खिलाफ सड़क पर उतर गई हैं।

    जागरण संवाददाता, जयपुर । जयपुर राजपरिवार अपने हक की लड़ाई के लिए गुरुवार को सड़कों पर उतरा। राजपरिवार के समर्थन में काफी तादाद में लोग भी सड़कों पर उतरे। विशेषकर राजपूत समाज के लोगों ने राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से जयपुर पहुंचकर प्रदेश सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की। राजमहल पैलेस के एक हिस्से पर जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा कब्जा किए जाने और मुख्य द्वार सील किए जाने के विरोध में राजमाता पद्मिनी देवी के आह्वान पर एकत्रित हुए लोगों ने त्रिपोलिया गेट से राजमहल पैलेस तक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।

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    रैली को राजपूत समाज के विभिन्न संगठनों ने समर्थन दिया। आक्रोशित लोगों ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रैली की अगुवाई एक जीप में सवार राजमाता पद्मिनी देवी, राजघराने के वारिस पद्मनाभ सिंह कर रहे थे। उनके पीछे हजारों की संख्या में लोग पैदल चल रहे थे। बुधवार देर रात मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से टेलीफोन पर हुई बातचीत और सरकार के तीन कैबिनेट मंत्रियों से मिले आश्वासन के बाद राजमाता प्रदर्शनकारियों से शांत रहने की अपील करती रहीं, लेकिन आक्रोशित समर्थक उनकी भी सुनने को तैयार नहीं थे।

    जानकारी के अनुसार, सरकार से मिले आश्वासन के बाद राजमाता ने एक बार तो सुबह रैली स्थगित करने पर भी विचार किया था, लेकिन राजपूत संगठनों के दबाव के कारण उन्हें रैली का नेतृत्व करना पड़ा। रैली के समापन पर लोगों को संबोधित करते हुए राजमाता ने कहा कि राजमहल पर कब्जे की कार्रवाई करते हुए अधिकारियों ने जयपुर राजपरिवार और मेरी बेटी दीया कुमार जो कि भाजपा विधायक हैं, का अपमान किया। जिस समय यह कार्रवाई हुई उस समय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे विदेश दौरे पर थीं। अब वह यहां लौट आई हैं और उन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। कहा कि यह रैली मुख्यमंत्री या सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि अधिकारियों के खिलाफ है।

    हमें मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। वहीं राजघराने के वारिस पद्मनाभ सिंह ने कहा कि राजमहल के मुख्य गेट पर ताला लगाकर सरकार ने हमारे साथ नाइंसाफी की है। वहीं राजपूत संगठनों ने जो मुख्य मांगे सरकार के सामने रखी उनमें जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त को बर्खास्त करने, राजमहल पैलेस का मुख्य द्वारा खोलने के साथ ही सभी जमीनी विवाद आपसी समझौते या कोर्ट के जरिए निपटाना शामिल है। जयपुर राजपरिवार की सदस्य एवं भाजपा विधायक दीया कुमारी रैली में शामिल नहीं हुई।

    इधर राजस्थान के स्वायत्त शासन मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा की गई कार्रवाई पूरी तरह कानूनी है। जेडीए ने 22 अगस्त को राजपरिवार को नोटिस दिया। 24 अगस्त को कार्रवाई की गई। जिस भूमि पर कब्जा लिया गया वह जेडीए की है। राजमहल का मुख्य गेट भी जेडीए की भूमि पर ही बना हुआ था, इसलिए उसे सील किया गया।

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