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    कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह भाजपा में शामिल

    By Jagran News NetworkEdited By:
    Updated: Wed, 14 Jan 2015 08:56 AM (IST)

    पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह के पुत्र व देवली के पूर्व विधायक अरविंदर सिंह देवली ने भाजपा का दामन थाम लिया है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह के पुत्र व देवली के पूर्व विधायक अरविंदर सिंह देवली ने भाजपा का दामन थाम लिया है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

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    अरविंदर सिंह देवली के पिछले काफी समय से भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे, जिसका उन्होंने खंडन किया था। वहीं, मंगलवार को अचानक दिल्ली प्रदेश भाजपा के कार्यालय में पहुंचकर उन्होंने भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर दी।

    उन्होंने कहा कि रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने के बाद लगा कि भाजपा ही दलित व शोषित समाज को मुख्य धारा में शामिल करने में सक्षम है। इसलिए भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।

    उनके शामिल होने से भाजपा को देवली सुरक्षित सीट के लिए एक मजबूत नेता मिल गया है। अब तक भाजपा देवली विधानसभा सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी है। पहले यहां से कांग्रेस जीतती रही है, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में आप के प्रत्याशी को जीत मिली थी।

    इन नेताओं ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की
    मंगलवार को आप नेता संदीप दुबे और चंद्रकांत त्यागी, छतरपुर की निगम पार्षद और राष्ट्रीय लोकदल की नेता अनिता त्यागी, पूर्व कांग्रेस पार्षद दीपक चौधरी, कांग्रेस नेता शशिकांत दीक्षित, गोपाल पहाडि़या, शोक लोहिया, अरदेश शर्मा, महेंद्र त्यागी, एमपी शर्मा, हरप्रीत सिंह, समाजवादी नेता ओंकार सिंह सिकरवार, जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह पांचाल, बसपा के पूर्व प्रदेश महासचिव चंद्रवीर सिंह, अखिल भारतीय खटीक महासभा के कमल चक्र और राष्ट्रीय जनशक्ति पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक वाल्मीकि ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपध्याय ने कहा कि दिल्ली में सर्व समाज विशेषकर दलित समाज के लोगों में भाजपा एवं मोदी के प्रति एक आस्थापूर्ण उत्साह देखने को मिल रहा है।

    सुरक्षित सीटों पर कमजोर रही है भाजपा की स्थिति
    सुरक्षित सीटों पर भाजपा की स्थिति अन्य दलों के मुकाबले कमजोर रही है। पिछले विस चुनाव में पार्टी को मात्र दो सुरक्षित सीटों पर जीत मिली थी। इसलिए इस बार पार्टी कद्दावर नेताओं को इन सीटों पर उतारना चाहती है।

    इसके लिए दूसरे दलों के मजबूत जनाधार वाले दलित नेताओं पर भी पार्टी की नजर है। पिछले माह आप के पूर्व विधायक अशोक चौहान भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। अगले एक-दो दिनों में कुछ और नेता भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

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