अब घरेलू काले धन पर लगाम लगाने की तैयारी
विदेशी खातों में काला धन रोकने वाले कानून का विधेयक लाने के बाद अब सरकार ने घरेलू काले धन पर लगाम कसने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार जल्द ही एक नया कानून लाने जा रही है। यह कानून देश में बेनामी संपत्ति के सृजन पर रोक लगाएगा। वित्त
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विदेशी खातों में काला धन रोकने वाले कानून का विधेयक लाने के बाद अब सरकार ने घरेलू काले धन पर लगाम कसने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार जल्द ही एक नया कानून लाने जा रही है। यह कानून देश में बेनामी संपत्ति के सृजन पर रोक लगाएगा। वित्त मंत्रालय जल्दी ही इस विधेयक के मसौदे को कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश करेगा।
बेनामी लेनदेन (निरोधक) अधिनियम के नाम से आने वाले इस विधेयक को सरकार इसी सत्र के आखिरी दिनों में संसद में पेश कर सकती है। सूत्र बताते हैं कि इस विधेयक में 15वीं लोकसभा की स्थायी समिति की सिफारिशों को शामिल किया जा सकता है। बीती लोकसभा में पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली स्थायी समिति ने घरेलू कालेधन पर रोकथाम के लिए 2011 के विधेयक में कई संशोधन सुझाए थे। वित्त मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि इनमें कई सिफारिशों को नए बिल में शामिल किया जा सकता है।
घरेलू काले धन पर रोक लगाने के लिए नए विधेयक की बात की पुष्टि वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने राज्यसभा में दिए एक सवाल के जवाब में भी की है। मंगलवार को एक लिखित जवाब में सिन्हा ने बताया कि इसके तहत बेनामी संपत्ति को जब्त करने और मुकदमा चलाने का प्रावधान भी होगा। यह कानून बेनामी संपत्तियों के जरिये देश में काला धन पैदा होने से रोकेगा। साल 2011 में तत्कालीन सरकार ने 1988 के कानून के स्थान पर नया कानून बनाने के लिए इस विधेयक को संसद में पेश किया था। इसे बाद में स्थायी समिति को भेज दिया गया। स्थायी समिति ने 2012 में अपनी रिपोर्ट दी। लेकिन बाद में यह पारित नहीं हो पाया और पंद्रहवीं लोकसभा की समाप्ति के साथ ही लैप्स हो गया।
न्यूनतम तीन साल सजा की सिफारिश
पिछली लोकसभा की स्थायी समिति ने इस विधेयक में तीन साल की न्यूनतम सजा की सिफारिश की थी। इसके अलावा गैर कानूनी लेनदेन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आयकर विभाग के साथ-साथ मनीलांड्रिंग अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान रखने की सिफारिश समिति ने की थी। समिति के मुताबिक खुद अपने नाम, पत्नी या पति के नाम और अविवाहित बेटी के अलावा किसी और के नाम से संपत्ति खरीदने को बेनामी संपत्ति करार दिया जाना चाहिए।