काले धन के खिलाफ कार्रवाई को लग सकता है धक्का
काले धन के खिलाफ कार्रवाई को बड़ा धक्का लग सकता है। मनी लांड्रिंग के लिए बनाए गए तीन सदस्यीय विशेष कोर्ट के एकमात्र सदस्य (जज) मुकेश कुमार के सोमवार को इस्तीफा दे देने से कोर्ट के सभी पद रिक्त हो गए हैं। कोर्ट में करोड़ों रुपये के मनी लांड्रिंग से
नई दिल्ली। काले धन के खिलाफ कार्रवाई को बड़ा धक्का लग सकता है। मनी लांड्रिंग के लिए बनाए गए तीन सदस्यीय विशेष कोर्ट के एकमात्र सदस्य (जज) मुकेश कुमार के सोमवार को इस्तीफा दे देने से कोर्ट के सभी पद रिक्त हो गए हैं। कोर्ट में करोड़ों रुपये के मनी लांड्रिंग से संबंधित मुकदमे चलाए जाने हैं। समय पर मामले की सुनवाई नहीं होने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से मनी लांड्रिंग में जब्त संपत्तियां मुक्त हो सकती हैं।
मनी लांड्रिंग के कानून के तहत ईडी की ओर से जब्त संपत्तियों के मामले की सुनवाई के लिए एडजूडिकेटिंग अथारिटी (एए) का गठन किया गया है। मनी लांड्रिंग निवारक कानून (पीएमएलए) के तहत बनाया गया विशेष कोर्ट इस मामले की अपीलीय कोर्ट है।
विशेष कोर्ट में पहले से ही लोगों की कमी है। गत पांच महीने से इसमें कोई अध्यक्ष नहीं है और एक सदस्य (जज) का पद एक साल से रिक्त है। अब इसके एकमात्र सदस्य कुमार ने निजी का कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। हालांकि सूत्रों का कहना है कि उन्होंने मुकदमों के बड़ी संख्या और अकेला होने पर यह कदम उठाया है। बताया जाता है कि अगले कुछ दिनों में संपत्ति जब्ती के 100 से अधिक मामलों की सुनवाई होनी है। इसमें कई हाई प्रोफाइल मामले भी हैं।
सूत्रों ने बताया कि सोमवार तक 112 मामलों को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। ये मामले चार हजार करोड़ रुपये से अधिक के हैं। सूत्रों ने बताया कि कोर्ट का कामकाज नहीं होने से संपत्ति जब्ती के मामलों पर असर पड़ सकता है।
180 दिन की समयसीमा
जिन लोगों की चल-अचल संपत्ति पीएमएलए कानून के तहत ईडी द्वारा जब्त की गई हैं, वे विशेष कोर्ट (एए) के समक्ष अपील कर सकते हैं। कोर्ट को जांच एजेंसी के आदेश जारी करने के 180 दिनों के भीतर संपत्ति जब्ती को और आगे बढ़ाने पर निर्णय करना होता है। अगले कुछ दिनों में कई मामलों में समयसीमा पूरी होने जा रही है। ईडी के लिए यह एक बड़ा धक्का होगा।
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