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    खतरे में पड़ सकती है जम्‍मू कश्‍मीर में मौजूद जवानों की जिंदगी : रिपोर्ट

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Tue, 10 Jan 2017 11:00 AM (IST)

    जम्‍मू कश्‍मीर में बर्फबारी के बाद भी अभी तक सेना के लिए कुछ जरूरी साजो-सामान को तय जगह पर पहुंचाया नहीं जा सका है। इसकी वजह से सेना के जवानों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

    नई दिल्ली (जेएनएन)। जम्मू कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों के बीच सेना की एक रिपोर्ट में कई ऐसे बिंदुओं को उजागर किया गया जो सेना के लिए घातक साबित हो सकते हैं। इस रिपोर्ट में उन बातों को भी शामिल किया गया है जिनकी वजह से सेना के जवानों के हालात बेहद मुश्किल हो सकते हैं। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक इस रिपोर्ट में सेना के जवानों के पास बॉडी आर्मर, नाइट विजन गियर के साथ-साथ फ्यूल की कमी की ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया है। इनकी कमी की वजह से न सिर्फ सैनिकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं बल्कि उनकी जान को भी खतरा हो सकता है।

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    दरअसल जम्मू कश्मीर में सर्द मौसम के दौरान और बर्फबारी होने से पहले ही कई जगहों पर फ्यूल जिसमें तेल, पेट्रोल और ल्यूब्रिकेंट शामिल होता है, को स्टोर करके रख लिया जाता है। इसके अलावा कई दूसरी चीजें जिसमें खाने पीने के सामान के अलावा सुरक्षा के लिए जरूरी अन्य उपकरण भी शामिल होते हैं, सहेज कर रख ली जाती हैं। लेकिन इस दौरान अभी तक इसका काम पूरा नहीं हो सका है।

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    ऐसे में सर्द होते दिनों और बर्फबारी के बीच सैना के जवानों का टिका रह पाना काफी मुश्किल है। वह भी सुदूर और दुर्गम इलाकों में। रिपोर्ट में इस बात को साफतौर पर कहा गया है कि यदि जल्द ही इन सभी चीजों की आपूर्ति को पूरा नहीं किया गया तो यह हमारे जवानों की जिंदगी से खिलवाड़ साबित हो सकती है।

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    अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक उरी में काफी मात्रा में फ्यूल रखा गया है, जिसपर आतंकियों की नजर लगी रहती है। ऐसे में इसकी सुरक्षा न सिर्फ सेना के लिए बड़ी चुनौती है बल्कि यदि आतंकी इस तक पहुंचने में सफल होतेे हैं तो सेना के लिए यह काफी घातक साबित हो सकता है। इस रिपोर्ट में यहां पर मौजूद फ्यूल को भी खतरा मानते हुए जिक्र किया गया है। आर्मी डिजाइन ब्यूरो की इस रिपोर्ट में इन सभी बातों का जिक्र किया गया है। इसकी शुरुआत पिछले वर्ष अगस्त में की गई थी। यह ब्यूरो आर्मी के लिए रिसर्च और डेवलेपमेंट का काम करता है, साथ ही सेना और अन्यों के बीच एक पुल का काम करता है। गौरतलब है कि उरी में पिछले वर्ष हुए आतंकी हमले में 19 जवानों की मौत हुई थी। इनकी मौत टैंटों में आग लगने से हुई थी।

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