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    वायुसेना के लड़ाकू दस्ते में शामिल हुआ देश के पहले महिला पायलटों का बैच

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Sat, 18 Jun 2016 09:22 AM (IST)

    एयर फोर्स में आज का दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। देश के पहले महिला लड़ाकू पायलट के बैच को एयरफोर्स लड़ाकू दस्ते में शामिल कर लिया गया है। ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली, (जेएनएन)। आज का दिन वायुसेना के लिए ऐतिहासिक साबित होने जा रहा है। क्योंकि इंडियन एयरफोर्स की तीन महिला लड़ाकू विमान पायलटों को आज कमिशन दे दी गई। आज हैदराबाद स्थित एयरफोर्स एकेडमी में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर की मौजूदगी में तीनों महिला फाइटर पायलट्स की पासिंग आऊट परेड हुई।

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    तीनों महिला ट्रेनी, छह महीने की बेसिक ट्रेनिंग पिलेट्स विमान पर पूरी कर चुकी हैं। ये ट्रेनिंग हैदराबाद के करीब डुंडीगल एयरफोर्स एकडेमी में हुई थी। इसके बाद तीनों महिला पायलट ने हाकिमपेट एयरबेस पर छह महीने की ट्रेनिंग किरन-एयरकाफ्ट्स पर की। आज पासिंग आऊट परेड के बाद भी तीनों महिला पायलट को एडवांस जेट ट्रेनर, हॉक पर छह महीने की ट्रेनिंग बीदर में और करनी होगी। उसके बाद ही वें सुखोई, मिराज और जगुआर जैसे सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट्स उड़ा पाएंगी। अभी तक महिलाएं वायुसेना में काम तो कर सकती थी लेकिन उन्हे नॉन कॉम्बेट यानि ऐसे काम दिए जाते थे जहां उनका मुकाबला सीधे दुश्मन से ना हो।

    राजस्थान के झुंझुनूं जिले की मोहना सिंह, बिहार के दरभंगा की भावना काथ और मध्यप्रदेश के सतना की अवनी चतुर्वेदी को आज ये दायित्व मिलने जा रहा है।

    दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से अध्ययन करने वाली मोहना सिंह के पिता भी भारतीय वायुसेना में है। भावना ने एमएस कॉलेज बैंगलूरू से.बी.ई. इलेक्ट्रिल और अवनी चतुर्वेदी ने राजस्थान के टॉक जिले में वनस्थली विद्यापीठ से कंम्प्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की है। अवनी चतुर्वेदी, भावना कांथ और मोहना सिंह ने मार्च में ही लड़ाकू विमान उड़ाने की योग्यता हासिल कर ली थी। इसके बाद उन्हें युद्धक विमान उड़ाने का गहन प्रशिक्षण दिया गया।

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