देश छोड़ चुके माल्या की बढ़ेगी मुसीबत, होगी एक-एक पैसे की वसूली
बैंक माल्या के विदेश जाने पर रोक लगाने की याचिका ले कर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये है वही सरकार ने भी बैंकों को माल्या से कर्ज वसूली के लिए हरसंभव तरीका इस्तेमाल करने की छूट दे दी है।

नई दिल्ली। बैंकों से 7600 करोड़ रुपये की राशि लेकर उसे चुकाने में असफल रहे उद्योगपति डॉ. विजय माल्या की मुसीबत आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। एक तरफ जहां बैंक माल्या के विदेश जाने पर रोक लगाने की याचिका ले कर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये है वही सरकार ने भी बैंकों को माल्या से कर्ज वसूली के लिए हरसंभव तरीका इस्तेमाल करने की छूट दे दी है। सरकार माल्या के मामले को उन उद्योगपतियों के लिए एक मिसाल बनाना चाहती है जो बैंकों से कर्ज ले कर उसे लौटाने में आना कानी करते हैं।
माल्या की बंद हो चुकी एयरलाइन किंगफिशर को कर्ज देने वाले बैंकों ने एक साथ आज सुप्रीम कोर्ट में यह अर्जी दायर की है कि माल्या को विदेश जाने पर फिलहाल रोक लगनी चाहिए। बैंकों का कहना है कि माल्या के विदेश जाने से उनकी कंपनी से कर्ज वसूली के जो प्रयास चल रहे हैं उस पर असर पड़ेगा। कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है और इस पर बुधवार को सुनवाई करने की बात कही है।
उधर, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि किंगफिशर पर बकाये राशि की वसूली में बैंकों को कितनी सफलता मिलती है इससे आने वाले दिनों में एनपीए से जुड़े मामलों की दशा व दिशा तय होगी। यही वजह है कि वित्त मंत्रालय की तरफ से बैंकों को यह हरी झंडी दे दी गई है कि माल्या से कर्ज वसूली के लिए जो भी संभव हो वह कदम उठाये जाने चाहिए। यही वजह है कि सरकारी बैंक जहां माल्या के खिलाफ जहां ऋण वसूली प्राधिकरण में मामला दायर किया हुआ वही माल्या के पासपोर्ट को जब्त करने और उन्हें विदेश दौरे पर जाने से रोकने के लिए भी सारा इंतजाम किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक डीआरटी ने जिस तरह से माल्या को डियाजियो की तरफ से होने वाले 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के भुगतान को रोक दिया है उससे साफ है कि उन्हें अब राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। यह हाल के दिनों में एनपीए (फंसे कर्जे) की वसूली के लिए डीआरटी का सबसे अहम कदम है। डीआरटी के निर्देश के मुताबिक अगर माल्या की संपत्तियों को बेच कर बैंकों को बकाये कर्ज का भुगतान नहीं हो पाता है तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
प्रवर्तन निदेशालय जिस मामले में माल्या की कंपनी की जांच कर रहा है उसमें भी उनकी गिरफ्तारी संभव है। सुप्रीम कोर्ट एनपीए से जुड़े एक मामले में अपनी नाराजगी पहले ही दिखा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों से 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि ले कर उसे जान बूझ कर नहीं लौटाने वाले ग्राहकों की सूची सार्वजनिक करने का भी आदेश हाल ही में दिया है।

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