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    हवस में अंधा बाप बना हैवान, बेटी को किया लहूलुहान

    By manoj yadavEdited By:
    Updated: Mon, 10 Nov 2014 10:07 AM (IST)

    शहर के हिस्से राजीवपुरम में शराब के नशे में शैतान बने पिता ने सौतेली बेटी को हवस का शिकार बनाने की कोशिश की। विरोध करने पर नाजुक अंगों पर लोहे की राड ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, मेरठ। शहर के हिस्से राजीवपुरम में शराब के नशे में शैतान बने पिता ने सौतेली बेटी को हवस का शिकार बनाने की कोशिश की। विरोध करने पर नाजुक अंगों पर लोहे की राड से वार किया। मां और भाई ने बमुश्किल उसे शैतान के चंगुल से बेटी को मुक्त कराया। लहूलुहान बेटी को लेकर मां थाने पहुंची तो पुलिस ने उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

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    किठौर क्षेत्र के एक गांव से एक परिवार मेडिकल थानाक्षेत्र में गढ़ रोड पर राजीवपुरम कालोनी में आकर पिछले आठ साल से रह रहा है। परिवार के मुखिया ने बीस वर्ष पहले दो बच्चों की मां से शादी कर ली थी। शादी के बाद महिला ने और तीन बच्चों को जन्म दिया। खुद का टै्रक्टर किराए पर चलाने वाले पिता ने छह वर्ष पहले सौतेली बेटी की शादी परतापुर के इकला गांव में की थी। दो साल बाद बेटी ने ससुरालियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया। तब से वह मायके रह रही है।

    मां का आरोप है कि उस पर पिता गलत नजर रखने लगा। इसे लेकर मारपीट की गई तो छह माह पहले घर छोड़कर गढ़ रोड स्थित जय किसान धर्मकांटा के पास किराए का मकान लेकर रहने लगा। उसने पुलिस को बताया कि रविवार शाम पांच बजे पति शराब के नशे में धुत होकर आया और मारपीट करने लगा। बेटी ने छुड़ाने की कोशिश की तो उसे कमरे में बंद कर हवस का शिकार बनाने लगा। बेटी के शोर मचाने पर उसने बेटे की मदद से कुंडी तोड़ी पर तब तक हैवान बेटी के गुप्तांग में लोहे की राड डालकर उसे लहूलुहान कर चुका था।

    महिला बेटी को लेकर मेडिकल थाने पहुंची तो पुलिस ने उसे मेडिकल कालेज में भर्ती कराकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

    इन्होंने कहा..

    पीडि़ता ने पिता पर आरोप लगाया है। आरोपी नशे में धुत है, इसलिए कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है। महिला की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

    ओंकार सिंह, एसएसपी

    तीन घंटे स्ट्रेचर पर पड़ी रही

    खून से लथपथ युवती तीन घंटे तक उपचार की जिद्दोजहद में स्ट्रेचर पर ही पड़ी रही। महिला चिकित्सकों ने उसे उपचार देने से इंकार कर दिया। तर्क दिया कि पहले जिला अस्पताल में उपचार दिलाया जाए। वहां से रेफर होने के बाद ही मेडिकल में उपचार दिया जाएगा। इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि मामला महिला का होने के कारण महिला चिकित्सक ही उपचार दे सकती है। परिजनों और पुलिस ने पीडि़ता को स्ट्रेचर से उठाने से इंकार कर दिया। तब जाकर उपचार शुरू किया गया। ईसीएमओ अजीत सिंह ने बताया कि करीब आठ बजे महिला चिकित्सकों से वार्ता कर उपचार शुरू कर दिया है।

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