नोटबंदी : अमिट स्याही के इस्तेमाल पर EC को एतराज, सावधानी से हो इस्तेमाल
लोकसभा, विधानसभा, नगरीय निकाय, पंचायत आदि संवैधानिक संस्थाओं के चुनावों में मतदान दलों के लिए अमिट स्याही निर्वाचन आयोग ही भेजता है। मतदान सामग्री के साथ हर
नई दिल्ली, जेएनएन। बैंकों में बार-बार पुराने नोट बदलवाने वालों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने वोट वाली अमिट स्याही का उपयोग करने का निर्णय लिया, लेकिन निर्वाचन आयोग ने स्याही के इस्तेमाल पर जरूरी सावधानी बरतने को कहा है। आयोग ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि वे निर्वाचन आयोग की अनुमति के बिना चुनाव के काम आने वाली अमिट स्याही प्रयोग न करें।
चुनाव आयोग ने वित्त मंत्रालय से कहा है कि इस स्याही की जगह कोई और विकल्प ढूंढा जाए। चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर इस स्याही का इस्तेमाल होता है तो जरूरी सावधानी बरती जाए।
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दरअसल, आयोग को आशंका है कि बैंकों में इस स्याही का उपयोग किया गया तो इसका दुरुपयोग हो सकता है। देश के कई राज्यों में 19 नवंबर को उपचुनाव होने हैं। इन चुनावों के अलावा देश में अलग-अलग जगह होने वाले चुनावों में इसका दुरुपयोग हो सकता है। इससे आयोग की निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने की नीति पर पानी फिर सकता है।
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चुनावों में ऐसे होता है अमिट स्याही का उपयोग
लोकसभा, विधानसभा, नगरीय निकाय, पंचायत आदि संवैधानिक संस्थाओं के चुनावों में मतदान दलों के लिए अमिट स्याही निर्वाचन आयोग ही भेजता है। मतदान सामग्री के साथ हर मतदान दल के पीठासीन अधिकारी को अमिट स्याही की एक शीशी दी जाती है। एक शीशी में 700-800 मतदाताओं की अंगुली पर स्याही लगाई जा सकती है।
मतदान के दिन जोनल अधिकारी को भी अलग से स्याही दी जाती है। यदि किसी मतदान दल को स्याही कम पड़ जाती है तो जोनल अधिकारी उसे देते हैं। इसका भी हिसाब रखा जाता है। मतदान के बाद सभी दल बची हुई स्याही जिला निर्वाचन कार्यालय में जमा कराते हैं। बाद में इस स्याही को नष्ट कर दिया जाता है।
मैसूर में बनती है अमिट स्याही
चुनाव में उपयोग होने वाली अमिट स्याही मैसूर की एक फैक्ट्री में बनाई जाती है। भारत निर्वाचन आयोग और इस कारखाने के बीच एग्रीमेंट है। इसके तहत आयोग की डिमांड पर चुनाव की स्पेशल स्याही बनाई जाती है। अनुबंध के तहत कारखाना प्रबंधन ये स्याही चुनाव आयोग के अलावा किसी को सप्लाई नहीं कर सकता। चुनाव के समय भारत निर्वाचन आयोग के जरिये ये स्याही राज्य निर्वाचन आयोग को भिजवाई जाती है।
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