मोदी पर जांच को लेकर चुनाव आयोग ने भरी हामी
कथित महिला जासूसी कांड [स्नूपगेट] में फंसे गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के पीएम पद उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को चुनाव आयोग से तगड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार द्वारा मोदी के खिलाफ जांच कराए जाने के मामले में चुनाव आयोग ने किसी भी प्रकार की आपत्ति होने से इंकार कर दिया है। आयोग ने कहा है कि केंद्र सरक
नई दिल्ली। कथित महिला जासूसी कांड [स्नूपगेट] में फंसे गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के पीएम पद उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को चुनाव आयोग से तगड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार द्वारा मोदी के खिलाफ जांच कराए जाने के मामले में चुनाव आयोग ने किसी भी प्रकार की आपत्ति होने से इंकार कर दिया है। आयोग ने कहा है कि केंद्र सरकार पूरी तरह से स्वतंत्र है मोदी के खिलाफ आयोग गठित करने और जांच कराने को। इसमें किसी भी प्रकार से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले नए सेना प्रमुख की नियुक्ति अभी न करने को लेकर केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं।
इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने मामले में न्यायिक आयोग से जांच के इंतजार में चार महीने से बंद फाइल की धूल झाड़कर मोदी को घेरने की घोषणा कर दी है। सिब्बल ने दावा किया है कि 16 मई को चुनाव परिणामों की घोषणा के पहले ही न्यायिक आयोग का गठन कर दिया जाएगा, जिससे मोदी बेनकाब हो जाएंगे। इसके लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक मौजूदा न्यायाधीश की पहचान कर ली गई है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से भी इस संबंध में बातचीत हो चुकी है। अगले एक-दो दिन में सरकार इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर न्यायिक जांच आयोग के लिए एक मौजूदा न्यायाधीश की सेवा देने का आग्रह करेगी।
चर्चा यह भी है कि हाई कोर्ट के जस्टिस डीके सिंह अनौपचारिक रूप से इसके लिए सहमति भी दे चुके हैं। वैसे मोदी के खिलाफ जांच शुरू कराने में सरकार की राह के रोड़े अभी खत्म नहीं हुए हैं। 26 दिसंबर को कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश या हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश से जांच कराने का फैसला किया था, लेकिन किसी भी पूर्व न्यायाधीश के तैयार नहीं होने के कारण अब मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने का फैसला किया गया है।
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