सभी तहसीलों में खुलेंगे ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर, सरकार देगी आधी रकम
एक-डेढ़ करोड़ रुपये में खुलने वाले प्रत्येक सेंटर को सरकार आधी रकम प्रदान करेगी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए सरकार देश की सभी तहसीलों में ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर खोलेगी। इस साल सौ ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर खोलने की सरकार की योजना है। इसके लिए बजट में सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा।
जहां ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट आकार में काफी बड़े और सर्वसुविधा संपन्न होते हैं। वहीं ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटरों का आकार अपेक्षाकृत छोटा और अत्यावश्यक सुविधाओं वाला होगा। जहां ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना पूरी तरह निजी क्षेत्र के निवेश पर आधारित है। वहीं ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार की ओर से वित्तीय मदद दी जाएगी। बस जमीन का इंतजाम स्वयं करना होगा। कोई भी व्यक्ति, संस्था या ट्रस्ट जिसके पास जमीन के अलावा एक-डेढ़ करोड़ रुपये की पूंजी लगाने का माद्दा हो, सेंटर खोल सकता है। उसे निवेश की आधी रकम (अधिकतम एक करोड़ रुपये) की मदद सरकार की ओर से दी जाएगी।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार सरकार का इरादा वर्ष 2018-19 के दौरान कम से कम सौ ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर खोलने का है। इसके लिए जल्द ही विज्ञापन निकाले जाएंगे। अभी तक सरकार 22 राज्यों में 28 ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने की मंजूरी दे चुकी है। लेकिन केवल 11 इंस्टीट्यूट ही समुचित सुविधाओं के साथ उचित सेवाएं शुरू कर पाए हैं।
ज्यादातर सफल ड्राइविंग इंस्टीट्यूट आटोमोबाइल कंपनियों या ट्रांसपोर्ट संगठनों के सहयोग से चलाए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए सराय काले खां, रोहतक तथा औरंगाबाद के आइडीटीआर मारुति जबकि पुणे व अगरतला के टाटा की मदद से चलाया जा रहा है। टाटा का एक और आइडीटीआर जमशेदपुर में खुल रहा है। इसी तरह राजस्थान के राजसमंद में अशोक लेलैंड के सहयोग से ड्राइविंग इंस्टीट्यूट चल रहा है। राज्य परिवहन विभागों या निगमों द्वारा संचालित ज्यादातर इंस्टीट्यूट की हालत खराब है।
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